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Salman Khurshid ने हिंदुत्व पर लिखी आपत्तिजनक बात, भड़की भाजपा, पढ़िए बयानबाजी

कांग्रेस नेता सलमान खुर्शिद (Salman Khurshid) ने अयोध्या मुद्दे पर ‘सनराइज ओवर अयोध्या, नेशनहुड इन ऑवर टाइम्स’ पर किताब लिखी। किताब के विमोचन के मौके पर पी. चिंदबरम और दिग्विजय सिंह पहुंचे। किताब में लिखी बातों और विमोचन के मौके पर दिए गए बयानों ने बवाल खड़ा कर दिया है। किताब में Salman Khurshid ने हिन्दुत्व की तुलना आतंकी संगठन ISIS और बोको हराम से कर दी। यहां तक खुद को जेनऊधारी साबित करने वाले अपनी ही पार्टी के नेताओं को भी लपेट लिया। चिदंबरम ने एक तरह से फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘no one killed Jessica, nobody demolished Babri Masjid’ यानि जैसे किसी ने जैसिका को नहीं मारा, वैसे ही किसी ने बाबरी ढांचा नहीं ढहाया। बहरहाल, किताब में लिखी बातों के खिलाफ मामला पुलिस तक पहुंच गया है। दिल्ली के वकील विवेक गर्ग ने सलमान खुर्शीद के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है।

भाजपा ने जताई आपत्ति: भाजपा ने पूरे प्रकरण पर कांग्रेस को घेरा है। भाजपा के तमाम बड़े नेताओं ने आपत्ति दर्ज करवाई है। पार्टी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि यह राहुल गांधी और सोनिया गांधी के निशाने पर हो रहे हैं। भगवा आतंकवाद शब्द कांग्रेस ने गढ़ा था।

कांग्रेस नेता सलमान खुर्शिद ने क्या-क्या लिखा किताब में: सलमान खुर्शिद ने लिखा, हिंदुत्व साधु-संतों के सनातन और प्राचीन हिंदू धर्म को अलग कर रहा है, जो हर तरह से आतंकी संगठन आईएसआईएस और बोको हराम जैसे जिहादी इस्लामिक संगठनों की तरह है। हिंदुत्व की तरफ झुकाव की वकालत करने वाले कांग्रेस नेताओं पर लिखा है कि कांग्रेस में एक ऐसा वर्ग है, जिन्हें इस बात पर मलाल है कि पार्टी की छवि अल्पसंख्यक समर्थक पार्टी की बन गई है। ये लोग हमारी लीडरशीप की जनेऊधारी पहचान की वकालत करते हैं।

कांग्रेस नेता चिदंबरम ने फैसला पर यूं उठाए सवाल: पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता पी. चिदंबरम ने कहा, दोनों पक्षों ने अयोध्या के फैसले को स्वीकार कर लिया, क्या इसलिए यह ‘सही फैसला’ बन गया। चिदंबरम ने कहा, यह सही फैसला नहीं है जिसे दोनों पक्षों ने स्वीकार किया है

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने क्या कहा: कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंदुत्व और हिंदू धर्म पर्यायवाची बन गए हैं। सावरकर धार्मिक नहीं थे। उन्होंने यहां तक ​​पूछा कि गाय को ‘माता’ क्यों माना जाता है और उन्हें गोमांस खाने में कोई समस्या नहीं है। उन्होंने कहा, हिंदू पहचान स्थापित करने के लिए ‘हिंदुत्व’ शब्द लाया गया जिससे लोगों में भ्रम पैदा हुआ।

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