छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

स्टेडियम निर्माण के लिए अंतत: भारी तनाव के बीच कुंदरापारा को करा ही लिये आज कब्जा मुक्त

भिलाई। पुरानी भिलाई में मिनी स्टेडियम निर्माण के लिए भारी तनाव के बीच 24 साल बाद कुंदरापारा में रहने वाले रहवासियों से  गुरूवार को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में जेसीबी से यहां निर्मित सभी 117 मकानों को तोड़कर कब्जा मुक्त करवा लिया गया। इस दौरान विरोध करने वाले दर्जन भर लोगों को गिरफ्तार कर लिये और मकानों को तोडऩे के बाद उनको रिहा कर दिये। बस्ती को खाली करने का प्रयास बीते 24 वर्षों से किया जा रहा था लेकिन राजनीतिक कारणों के चलते हर बार मामला अटक जाता था, जिसके चलते मिनी स्टेडियम का निर्माण पूरा नहीं हो पा रहा था।

ज्ञातव्य हो कि 1997-98 में साडा कार्यकाल के दौरान मिनी स्टेडियम का नींव रखी गई थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तब पाटन विधायक तथा साडा सदस्य थे। मिनी स्टेडियम निर्माण के लिए कुंदरापारा बस्ती को खाली कराया गया था। कुंदरापारा के लोगों को विश्वबैंक कालोनी गुरु घासी दास नगर में जमीन आवंटित की गई थी। उस दौरान आधे से ज्यादा परिवार वहां शिफ्ट हो गया था। जबकि 40 परिवार यहीं रुक गया था। जो 24 सालों में बढ़कर 117 परिवार हो चुके थे।

बीते 24 सालों से साडा बाद में भिलाई चरोदा निगम प्रशासन द्वारा मिनी स्टेडियम का काम पूरा कराने का प्रयास किया जा रहा है, पर हर बार कुंदरापारा के लोग कब्जा खाली करने से मना कर देते थे। हाल ही में भिलाई चरोदा निगम प्रशासन ने यहां कब्जारत सभी परिवार को उमदा वार्ड में नवनिर्मित पीएम आवास को आवंटित किया है, यह लोग वहां भी जाने के लिए तैयार नहीं थे। ऐसी स्थिति में भी भिलाई चरोदा निगम आयुक्त कीर्तिमान सिंह राठौर ने दिवाली के पहले अंतिम नोटिस जारी कर दिया था। उसके बाद भी यहां के लोग हटने के लिए तैयार नहीं हुए।

गुरुवार को प्रशासनिक अधिकारियों तथा भारी पुलिस बल की मौजूदगी में जेसीबी के माध्यम से 117 मकानों को तोड़ दिया गया। मकान तोडऩे से पहले घरों के सामान सुरक्षित निकालकर उमदा पीएम आवास पहुंच दिया गया। इस दौरान भारी तनाव का माहौल बन गया था। कुछ लोग झंडा लेकर पहुंच गए थे। विरोध करने वाले दर्जन भर लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। तोडफ़ोड़ के दौरान रोती बिलखती महिलाएं तथा दो तीन दिन की मोहलत मांगते हुए भी लोग भी दिखे।

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