दस दिन की अवधि पूरा होने से पहले आया नया आदेश
ए, डी और सी केबिन में ट्रेनों का स्टापेज अनिश्चितकाल के लिए हुआ स्थगित
तीनों स्टेशनों में टिकिट काउंटर नही होना बना मुख्य कारण
भिलाई। चरोदा रेलवे क्षेत्र के ए, डी और सी केबिन में लोकल व पैसेंजर ट्रेनों का स्टापेज अब अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। पहले 10 दिन स्टापेज स्थगित करने की घोषणा रेलवे द्वारा की गई थी। 10 दिन की अवधि पूरा होने से पहले ही रेलवे का नया आदेश आने से संशय की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इससे इन तीनों जगहों पर हमेशा के लिए स्टापेज खत्म करने की संभावना को बल मिलने लगा है।
रेलवे ने बीते 18 से 28 जुलाई तक 10 दिन के लिए ए, डी और सी केबिन में लोकल व पैसेजर ट्रेनों के लिए लागू स्टापेज को स्थगित करने की घोषणा किया था। लेकिन पूर्व घोषित समयावधि के पूरा होने से पहले ही 26 जुलाई को रेलवे ने नया आदेश जारी कर तीनों जगहों पर अनिश्चिताल के लिए स्टापेज स्थगित कर दिया है। रेलवे के इस नये फरमान से रेल कर्मचारियों के साथ ही अन्य दैनिक यात्रियों में संशय की स्थिति पैदा हो गई है। इसके साथ ही रेलवे द्वारा पूर्णकालिक तौर पर एडी और सी केबिन मे दिए जाने वाले लोकल व पैसेंजर ट्रेनों के स्टापेज को खत्म किए जाने की रह रह कर उभरने वाली आशंकाओं को बल मिलने लगा है।
गौरतलब रहे कि चरोदा इलाके में रेलवे यार्ड तथा अन्य इकाईयों में कार्यरत कर्मचारियों की सुविधा के लिए विभिन्न केबिन के पास लोकल व पैसेंज ट्रेनों का स्टापेज निर्धारित किया गया था। ऐसे स्टापेज में डाउन लाइन पर ए, डी तथा एफ केबिन और अप लाइन में सी व जी केबिन शामिल है। इनमें से ए डी और सी केबिन में निर्धारित स्टापेज को 18 से 28 जुलाई तक के लिए स्थगित किया गया था। इसका स्थानीय स्तर पर विरोध भी हुआ। महापौर श्रीमती चन्द्रकांता मांडले के साथ प्रभावित क्षेत्र के पार्षदों ने धरना प्रदर्शन करते हुए रेलवे प्रशासन पर दबाव बनाने की भी कोशिश की। डीआरएम रायपुर से भी चर्चा कर तीनों जगहों पर स्टापेज बरकरार रखने की मांग की गई। लेकिन अब जब बिना किसी ठोस कारण के स्टापेज को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है तो भविष्य को लेकर अनिश्चितता उभर आई है।
यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि ए डी और सी केबिन में 7 लोकल व 3 पैसेंजर ट्रेनों का स्टापेज निर्धारित था। इसका लाभ रेलेवे के कर्मचारियों को अपने कार्यस्थल आने जाने में मिलता था। इसके अलावा छात्र-छात्राओं तथा अन्य यात्रियों को भी घर के नजदीक से ट्रेन पकडऩे और उतरने में आसानी होती थी। लेकिन रेलवे के साथ इन सभी स्टापेज को लेकर एक तकनीकी दिक्कत भी बनी हुई थी। उसी दिक्कत के चलते ही इन जगहों पर हमेशा के लिए स्टापेज खत्म किए जाने की तैयारी अंदरुनी स्तर में पूरी हो जााने की चर्चा है।
दरअसल चरोदा में अप और डाउन लाइन में काफी दूरी है। दोनों लाइन में कुल पांच केबिन में लोकल व पैसेंजर ट्रेनों का स्टापेज होने के बावजूद यात्रियों के लिए टिकट घर की सुविधा केवल डाउन लाइन के एफ केबिन पर है। इसके चलते अन्य केबिन में यात्रा शुरू करने वाले ज्यादातर यात्री टिकट ही नहीं खरीदते हैं। ऐसी स्थिति में चेकिंग के दौरान बेटिकट यात्रियों पर कार्यवाही करने तकनीकी दिक्कत पेश आती रही है।
बताते ही टीटीई की तरफ से इस दिक्कत की ओर ध्यानाकर्षण कराये जाने के बाद रेलवे ने पांच में से तीन केबिन में स्टापेज को हमेशा के लिए खत्म करने का निर्णय अंदरुनी स्तर पर ले लिया गया है। वर्तमान में अनिश्चितकाल के लिए स्टापेज स्थगित करने की हुई घोषणा का रेलवे प्रशासन के उसी निर्णय को अमलीजामा पहनाने से पहले की तैयारी का हिस्सा माना जा रहा है।