निकली जबर हरेली रैली, छत्तीसगढ महतारी सहित कई झांकियां व बैल और बैलागाड़ी की सजावट रहा आकर्षण का केन्द्र
फिल्म जोहार छत्तीसगढ़ की भी हुई शूटिँग
भिलाई। छत्तीसगढिय़ा क्रान्ति सेना द्वारा रविवार को हरेली त्यौहार के अवसर पर भिलाई पॉवर हाउस से जबर हरेली रैली निकली जो सुपेला,जेपी चौक, सेक्टर पांच, सिविक सेंटर, ग्लोब चौक, रिसाली चौक होते हुए रिसाली दशहरा मैदान पहुंचकर आमसभा में तब्दील हो गई। रैली में छत्तीसगढ़ महतारी की झांकी, छत्तीसगढ के पुरोधा पं. सुंदरलाल शर्मा, राजिम बाई (तेलिनबाई) हरि ठाकुर, खुमान साव, लक्ष्मीण मस्तुरिया, ताराचंद साहू सहित अन्य लोगों का तैल चिंत्र लगा झांकी और बैल गाड़ी जुलूस, बस्तरिहा नृत्य, वनांचल गेड़ी नृत्य, पंथी नृत्य, राऊत नाचा, डंडा नृत्य, करमा सुआ ददरिया, अखाड़ा व छत्तीसगढिय़ा पुरखा मन के झांकी आकर्षक का केन्द्र रहेगा। इस दौरान हजारों कलाकार बस्तरिहा नृत्य, वनांचल गेडी नृत्य, पंथी नृत्य, राउत नाचा, डंडा नृत्य, करमा सुआ, ददरिया करते हुए तथा अखाड़ा खेलते हुए रिसाली दशहरा मैदान पहुंचे।
वही इस दौरान छत्तीसगढी क्रांति सेना के लोगों ने छत्तीसगढ़ के विकास एवं उपेक्षा के विषय में तथा छत्तीसगढ के बाहरी लोग यहां आकर किस प्रकार छत्तीसगढ़ को लूट रहे है इसके बारे में अपने विचार रखे। एवं कलाकारों तथा पदाधिकारियों और उदघोषक का सम्मान किया गया। अंत में देर रात्रि मशहुर गायिका कविता वासनिक की पार्टी अनुराग धारा का कार्यक्रम रखा गया जिसको हजारों दर्शकों ने देखा और और सराहा।
इस रैली में आर जे इंटरटेनमेंट वल्र्ड के बेनर तले एवं देवेन्द्र जांगड़े के निर्देशन में बन रही छत्तीसगढी फिल्म जोहार छत्तीसगढ़ की शूटिंग भी इस रैली के दौरान हुई। इस दौरान शूटिंग के लिए आये फिल्म के नायक देवेन्द्र जांगडे, राज साहू, हेमलाल कौशल एवं शमशीर सिवानी के साथ रैली में आये बडी संख्या में लोगों ने सेल्फी ली।
छत्तीसगढिया क्रांति सेना के दुर्ग भिलाई अध्यक्ष अरूण गंधर्व ने बताया कि इस बार की रैली सांस्कृतिक पुरखा खुमान साव व लक्ष्मन मस्तुरीया और छत्तीसगढ़ महतारी को समर्पित थी। राज्य के लोक संस्कृति तीज त्यौहार लोककला को उजागर करती क्रान्ति सेना की जबर हरेली रैली राज्य की पहचान बन चुकी है। मीडिया विभाग से देव हीरा लहरी और देवेन्द्र लहरी ने बताया छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति को सहेजने, प्रचार प्रसार व प्रर्दशित करने छत्तीसगढिय़ा क्रान्ति सेना का अनुठा प्रयास है जबर हरेली रैली।