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फिर बने जापान के प्रधानमंत्री, 31 अक्‍टूबर को भी चुने गए थे

जापान के प्रधानमंत्री फोमियो किशिदा संसदीय चुनाव में अपनी सत्तारुढ़ पार्टी की बड़ी जीत के बाद एक बार फिर प्रधानमंत्री चुने गए हैं। लगभग एक महीने से कुछ समय पहले संसद ने उन्हें प्रधानमंत्री चुना था। इसके बाद उन्होंने तत्काल चुनाव कराने की घोषणा की थी। 465 सदस्यीय निचले सदन में किशिदा की पार्टी को 261 सीटों पर जीत मिली है। इससे पहले 31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री चुने जाने पर सत्ता पर उनकी पकड़ और मजबूत हो गई थी। फोमियो किशिदा देश के पूर्व विदेश मंत्री हैं। किशिदा ने योशिहिदे सुगा का स्थान लिया है। सुगा और उनकी कैबिनेट ने चार अक्टूबर को इस्तीफा दे दिया था। अब उनकी पार्टी की इस जीत को महामारी से निपटने और खस्ताहाल हुई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जनादेश के तौर पर देखा जा रहा है।

 

चुनावों के अंतिम नतीजों के अनुसार, किशिदा की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी और उसके गठबंधन सहयोगी कोमेइतो ने एक साथ मिलकर 293 सीटें जीती हैं। उन्हें मिली सीटें 465 सदस्यीय निचले सदन में बहुमत के 233 के आंकड़े से अधिक रहीं। उसने पिछली बार 305 सीटें जीती थीं। कोरोना वायरस से जूझ रही अर्थव्यवस्था और क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों के कारण किशिदा की पार्टी को चुनाव में कुछ सीटें गंवानी पड़ी हैं। करीब एक हफ्ते पहले उन्होंने अपने सत्तारूढ़ गठबंधन के बहुमत हासिल करने के बाद कहा था।

जापान के प्रधानमंत्री फोमियो किशिदा संसदीय चुनाव में अपनी सत्तारुढ़ पार्टी की बड़ी जीत के बाद एक बार फिर प्रधानमंत्री चुने गए हैं। लगभग एक महीने से कुछ समय पहले संसद ने उन्हें प्रधानमंत्री चुना था। इसके बाद उन्होंने तत्काल चुनाव कराने की घोषणा की थी। 465 सदस्यीय निचले सदन में किशिदा की पार्टी को 261 सीटों पर जीत मिली है। इससे पहले 31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री चुने जाने पर सत्ता पर उनकी पकड़ और मजबूत हो गई थी। फोमियो किशिदा देश के पूर्व विदेश मंत्री हैं। किशिदा ने योशिहिदे सुगा का स्थान लिया है। सुगा और उनकी कैबिनेट ने चार अक्टूबर को इस्तीफा दे दिया था। अब उनकी पार्टी की इस जीत को महामारी से निपटने और खस्ताहाल हुई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जनादेश के तौर पर देखा जा रहा है।

चुनावों के अंतिम नतीजों के अनुसार, किशिदा की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी और उसके गठबंधन सहयोगी कोमेइतो ने एक साथ मिलकर 293 सीटें जीती हैं। उन्हें मिली सीटें 465 सदस्यीय निचले सदन में बहुमत के 233 के आंकड़े से अधिक रहीं। उसने पिछली बार 305 सीटें जीती थीं। कोरोना वायरस से जूझ रही अर्थव्यवस्था और क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों के कारण किशिदा की पार्टी को चुनाव में कुछ सीटें गंवानी पड़ी हैं। करीब एक हफ्ते पहले उन्होंने अपने सत्तारूढ़ गठबंधन के बहुमत हासिल करने के बाद कहा था।

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