दीपावली भारतीय संस्कृति का ध्वजवाहक- हिमांशु महाराज

लोरमी-मानस ग्राम सारधा मे दीपावली के पावन अवसर पर धनतेरस, नरकचौदस, दीपावली,गोवर्धन पूजा तथा भाईदूज के साथ ही लक्ष्मी पूजन का कार्यक्रम विधिवत सम्पन्न हुआ।
पंचदिवसीय लक्ष्मी पूजन के अवसर पर बोलते हुए डाक्टर सत्यनारायण तिवारी हिमांशु महाराज ने धनतेरस से भाईदूज तक पंचपर्वो की विस्तृत व्याख्या करते हुए दीपावली के महापर्व को भारतीय संस्कृति का ध्वजवाहक बतलाया।
उन्होने धनतेरस को अर्थतंत्र का आधार, नरकचौदस से नरकासुर जैसी आततायी प्रवृत्ति की समाप्ति,दीपावली को समुद्र मंथन द्वारा भगवती लक्ष्मी की प्राप्ति,लक्ष्मीनारायण द्वारा उनका वरण, भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पूजन एवं धारण, तथा यमराज और यमुना द्वारा प्रकाशित भाईदूज की वर्तमान परिप्रेक्ष्य मे महत्व को विस्तार पूर्वक वर्णन किया।
डाक्टर तिवारी ने आगे कहा कि हमारे भारतीय सनातनी पर्व सदैव आपसी प्रेम, सद्भाव, तथा तन,मन एवं धन की शुद्धिकरण का संदेश देते है।होली से एक साथ वस्त्र,दीपावली मे एक साथ मकान, तथा दशहरे मे सभी के मन की शुद्धिकरण का कार्यक्रम भारतीय संस्कृति की विशेषता है।इस अवसर पर गौरी गौरा सहित विभिन्न झाकियो का प्रदर्शन भी किया गया।
साथ ही सारधा के वीर सपूत शहीद आनंदसिह राठौर की स्मृति मे भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे सभी सम्मानित जनो एवं ग्रामवासियो ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दी।