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भारत को विश्वगुरु एवं गौरव प्रदान कराने वाला ग्रंथ श्रीरामचरित मानस-हिमान्शु महराज


लोरमी-संत तुलसी चौक मानस ग्राम सारधा मे आयोजित 69 वे अखिल भारतीय नवान्ह श्रीरामचरित मानस सम्मेलन के समापन समारोह मे बोलते हुए कथावाचक डाक्टर सत्यनारायण तिवारी हिमांशु महाराज ने श्रीरामचरित मानस को विश्वगुरु तथा गौरव प्रदान करनेवाला महान ग्रंथ बतलाया।डाक्टर तिवारी अपने एक घण्टे के प्रवचन मे भारत की प्राचीन सभ्यता संस्कृति तथा भगवान श्रीराम एवं श्रीकृष्ण तथा भगवती दुर्गा के द्वारा आसुरी शक्तियो का विनाश कर बार-बार की गई धर्म स्थापना की विस्तृत व्याख्या की।उन्होने बालकाण्ड से लेकर उत्तरकाण्ड के माहात्म्य का वर्णन सहजता एवं सरलता से किया।

डाक्टर तिवारी तन की सुन्दरता से अधिक मन की सुन्दरता तथा निर्मलता पर जोर दिए।उन्होने प्राचीन गोस्वामी संत तुलसीदास मानस मंदिर के जीर्णोद्धार हेतु सहयोग राशि प्रदान करने का आग्रह समस्त ग्रामवासियो से किया।आचार्य पंडित अनिरुद्ध प्रसाद शुक्ल ने श्रीरामचरित मानस एवं श्रीराम जी की महिमा पर विस्तृत व्याख्या की।उन्होने मानस की प्रत्येक चौपाईयो मे ओम राम रामायण नमः से संपुष्टि यज्ञ की पूर्णाहूति एवं शान्ति करायी।

उक्त अवसर पर पंडित राजूदूबे, मनहरण तिवारी,कृष्ण कुमार तिवारी,उमेश दुबे,नीरज तिवारी,अंकित शर्मा,हरीश दुबे,गणेश शुक्ल,बुधराम चन्द्रसेन,दुखीराम, जलश साहू,रामप्रसाद राजपूत, उदेराम बसंत चन्द्रसेन,राजेन्द्र, नोहरी, जयकिशन जयकेशरवानी, गजानन, उमेदासाहू, धनीराम, दयाराम तथा पप्पू श्रीवास सहित सैकड़ो श्रद्धालु नर-नारी उपस्थित थे।

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