राम रहीम के अदालती मामलों पर ध्यान दे रहा है डेरा, नहीं करना चाहता किसी पार्टी का समर्थन- रिपोर्ट Dera is focusing on Ram Rahim’s court cases, does not want to support any party- report

सिरसा. हरियाणा के ऐलनाबाद में उपचुनाव (Ellenabad bypoll) होने हैं. इसी बीच डेरा सच्चा सौदा (Dera Sacha Sauda) ने संकेत दिए हैं कि वे किसी भी पार्टी का समर्थन करना नहीं चाहते. इसके बजाए डेरा अपने प्रमुख गुरमीत राम रहीम के खिलाफ जारी अदालती मामलों पर अपना ध्यान लगाएगा. राम रहीम (Ram Rahim) को हाल ही में अपने अनुयायी रणजीत सिंह की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. बीते चार सालों में डेरा प्रमुख को दो हत्याओं और एक बलात्कार समेत तीन मामलों में सजा का ऐलान हो चुका है
डेरा प्रबंधन ने कहा है कि वे किसी को भी नाराज नहीं करना चाहते हैं और खासतौर से कोर्ट के हालिया फैसले के बाद. अखबार से बातचीत में एक पदाधिकारी ने गोपनियता की शर्त पर बताया, ‘हम किसी भी विवाद को आमंत्रित नहीं करना चाहते. यह हमारे लिए मुश्किल दौर है, लेकिन हमें उम्मीद है कि चीजें सही दिशा में आगे बढ़ेंगी.’
डेरा की राजनीतिक शाखा के वरिष्ठ पदाधिकारी राम सिंह ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कोई (फैसला) इस समय होगा. यह एक विधानसभा सीट का मामला है, क्योंकि चुनाव पूरे राज्य में नहीं हो रहे हैं. हालांकि, संगत की संख्या पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. वे डेरा के साथ खड़े हैं. उन्हें गुरुजी में पूरा भरोसा है. फैसले होते रहेंगे. संगत (कोर्ट के हालिया आदेश) के बाद भी शांत रहेंगे.’
रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2014 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को हरियाणा में सत्ता में लाने में डेरा के समर्थन ने बड़ी भूमिका निभाई थी. इससे पहले भी हुए चुनावों में समूह हरियाणा के साथ-साथ पंजाब में भी दलों का साथ देता रहा है.
करीब 1000 एकड़ में फैले डेरा का अपना बाजार और रिहाइशी कॉलोनी है. यहां 2017 से पहले का माहौल अलग था, लेकिन कोर्ट के फैसले के बाद स्थिति बदल गई. उस दौरान डेरा प्रमुख को पहली बार दो महिला शिष्याओं से बलात्कार के आरोप में सजा सुनाई गई थी. इसके बाद पंचकूला और सिरसा में बड़े स्तर पर हिंसा भड़क गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, उस दौरान हुई पुलिस गोली बारी में कई लोगों की मौत हुई थी. इसके बाद लंबे समय तक डेरा की गतिविधियां रुकी रही.अभी भी डेरा में रोज होने वाले ‘सत्संग’ में शामिल होने के लिए कुछ लोग डेरा पहुंचते हैं. यहां प्रमुख के रिकॉर्ड किए हुए वीडियोज को बड़ी स्क्रीन पर चलाया जाता है. रविवार को होने वाले साप्ताहिक ‘सत्संग’ में लोगों की संख्या बढ़ जाती है. हालांकि, इसके बाद भी माहौल अगस्त 2017 के पहले जैसा नहीं है. डेरा प्रमुख को सुनाई गई सजा के बावजूद कई लोगों का भरोसा उनपर बना हुआ है.