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सरपंच की मनमानी से 50 से अधिक परिवारों के समक्ष रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया हैँ

बिलासपुर -बिल्हा ब्लाक के ग्राम पंचायत लखराम में सरपंच की मनमानी से 50 से अधिक परिवारों के समक्ष रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया हैँ वहीं जिला प्रशासन मामले में हाई कोर्ट के आदेश का पालन सुनिश्चित कराने में भी नाकाम है
नव जागृति मछुआ सहकारी समिति मर्यादित लखराम से जुड़े 50 से अधिक मछुआरा परिवार की आजीविका मछली पालन से चलती है नव जागृति मछुआ सहकारी समिति मर्यादित लखराम से जुड़े हितग्राहियों का आरोप है कि गांव के सरपंच ने शासन की मछुआ नीति को दरकिनार कर गांव के तालाबों का आबंटन मनमानी तरीके से कर दिया है तालाब के आबंटन में मछुआ नीति की कंडिका 2 के अनुरूप वरीयता का ध्यान नहीं रखा गया हैँ नव जागृति मछुआ सहकारी समिति मर्यादित लखराम के अध्यक्ष कमलेश केंवट ने बताया ग्राम पंचायत के तालाब आबंटन के प्रस्ताव के खिलाफ विहित प्राधिकारी छग पंचायत राज अधिनियम 1993 अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बिलासपुर के समक्ष अपील भी किया गया था जिसमें 23 दिसंबर 2020 को पारित आदेश में विहित प्राधिकारी छग पंचायत राज अधिनियम 1993 अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बिलासपुर ने ग्राम पंचायत लखराम के द्वारा पारित प्रस्ताव दिनांक 11 जुलाई 2020 को निरस्त कर पुन नियमानुसार प्रक्रिया अपनाकर छत्तीसगढ़ मछुआ नीति का पालन कर तालाब आबंटित करने को कहा गया हैँ विहित प्राधिकारी प्राधिकारी के आदेश का भी पालन सरपंच के द्वारा नहीं करने पर प्रभावित मछुआ समिति ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में वाद दायर किया इस पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट बिलासपुर में डब्ल्यूपीसी नं 3703/2021 में 15 सितंबर 2021 को पारित आदेश में आदेश प्राप्ति के दो महीने के भीतर मामले पर विधि सम्मत कार्रवाई का आदेश जारी किया गया हैँ
इसकी सूचना अपीलार्थी ने कलेक्टर कार्यालय बिलासपुर में क्रमश: 16 सिम्बर 2021 और 24 सितम्बर 2021 को दे दी है वहीं ग्राम पंचायत का सरपंच कोर्ट का आदेश नहीं मिलने की बात कहकर टालमटोल कर रहा हैँ इस बात को सरपंच अधिकारिक रूप से बोलने से भी इनकार कर रहा हैँ आदेश के परिपालन में जिला प्रशासन द्वारा की जा रही देरी का खमियाजा गरीब मछुआ परिवार के लोगों को भुगतना पड़ रहा हैँ वहीं शासन का राजस्व का भी नुकसान हो रहा है

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