माँ महागौरी माता, माँ दुर्गा के आठवीं स्वरूप पंडित निरंकार तिवारीमाँ महागौरी माता, माँ दुर्गा के आठवीं स्वरूप पंडित निरंकार तिवारी Mother Mahagauri Mata,Eighth Form of Maa DurgaPandit Nirankar Tiwari
माँ महागौरी माता,
माँ दुर्गा के आठवीं स्वरूप
पंडित निरंकार तिवारी
।।ऊँ,ह्लीं क्लौं गम गौरी गई, नमः।।
नमश्चण्डिकायै
या देवी सर्वभूतेषु महागौरी रुपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
।ऊँ, यज्ञेन यज्ञवजमन्त देवास्तानि धर्माणि प्रथमान्यासन्
ते ह नाकं महिमानह् सचन्त यत्र पूर्वे साध्याह् सन्ति देवाह्
जय माँ महागौरी
नवरात्रि में आठवीं स्वरुप मां महागौरी
अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते।
गिरिवरविन्धयशिरोअ्धिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते।।
भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूतिकृते।
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते।।
सुरवरवर्षिणि दुर्धरधर्षिणि दुर्मुखमर्षिणि हर्षरते।
त्रिभुवनपोषिणि शंकरतोषिणि कल्मषमोषिणि घोषरते।।
दनुजनिरोषिणि दुर्मदशोषिणि दुर्मुनिरोषिणि सिन्धुसुते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते।।
अयि जगदम्ब कदम्बवनप्रियवासिनि तोषिणि हारते।
शिखिरिशिरोमणितुंगहिमालयश्रृंगनिजालयमध्यगते।।
यधुमधुरे मधुकैटभगज्जिनि महिषविदारिणि रासरते।
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते।।
अयि
निजहुंकृतिमात्रनिराकृतधूम़विलोचनधूमवशते।
समरविशोषितरोषितशोषितबीजसमुभ्दलते
शिव शिव शुम्भनिशुम्भमहाहवतर्पितभूतपिशाचरते।
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते।।
अयि शतखण्डविखण्डितरुण्डवितुण्डितशुण्डगजाधिपते।
निजभुजदण्डनिपातितचण्डनिपातितमुण्डभटाधिपते
रिपुगजगण्डविदारणचण्डपराक़मशोण्डमृगाधिपते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते।।
धनुरनुषंगरणक्षणसंगपरिस्फुरदंगनटत्कटके
कनकपिशंगपृषत्कनिषंत्कनिसंगरसभ्दश्रृंगहताबटुके
हतचतुरंगबलक्षितिरंगघटद् बहुरंगरटद् बटुके
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते।।
अयि रणदुर्मदशत्रुवधाद्धुररतिनिर्भरशक्तिभृते
चतुरविचारधुरीणमहाशयदूतकृतप्रमथाधिपते।
दुरितदुरीहदुराशयदुर्मतिदानवदुतदुरन्तगते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते।।
जय माँ महागौरी
माँ महामाया मातारानी मईया की आठवीं स्वरूप माँ महागौरी माता
आपको सदा खुश रखे, सदा प्रसन्न रखे।
।। जय माता दी ।।
– पंडित निरंकार तिवारी
भूपेंद्र सबका संदेश न्यूज़ रिपोर्टर
बिलासपुर 9691444583