छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

चन्नी के सीएम बनाने पर कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की तारीफ की इन्द्रेश गजभिये ने भाजपा भी 22 राज्यों में दलित मुख्यमंत्री बनाये

भिलाई। डॉ. अंबेडकर पारिनिर्वाण भूमि नई दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मध्य प्रदेश के पूर्व केबिनेट मंत्री इन्द्रेश गजभिये ने आज सेक्टर 4 स्थित छग राज्य परिनिर्वाण भूमि समिति के कार्यालय में आयोजित पत्रवार्ता में कहा कि दलितों का पूरे देश में शोषण हो रहा है। दलितों के लिए किसी भी सरकार की कोई नीति नही है। सरकार किसी की भी हो नीति के साथ नियत साफ होनी चाहिए। लेकिन नियत में खोट है, चूंकि पूरे देश में दलितों की संख्या अधिक है। राष्ट्रीय दलों को लगता है कि यदि वे चुनाव लडेंगे तो वह जीत कर सत्ता हासिल कर लेंगे। इन्हें हमेश वोटर ही नही रहने दो।एस सी एस टी के जातिप्रमाण पत्र के मामले में 1950 की बाध्यता का ेसमाप्त करना चाहिए।

इसके लिए पार्लियांमेंट में नया कानून बनाना चाहिए। जाति प्रमाण पत्र के सरलीकरण  के मामले में कई बार प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से गुहार लगा चुके हैें लेकिन कोई भी इस ओर ध्यान नही दे रहा है। छग सहित पूरे देश में अंबेडकर यूनिवर्सिटी की स्थापना की जाये। उन्होंने प्रमुख रूप से तीन मांगों को रखा है जिसमें विदेशों से आने वाले जो भी प्रमुख नेतागण है, वे अंबेडकर की समाधि स्थल पर ले जाकर उनकी जीवनी के बारे में जानकारी देनी चाहिए कि आखिर अंबेडकर कौन है। 6 दिसंबर को राष्ट्रीय दलित पंचायत का आयोजन होने जा रहा है जिसमे ंपृथक निर्वाचक प्रणाली को पुन: लागू किये जाने की बात उठाई जायेगी।

डॉ. अंबेडकर पारिनिर्वाण भूमि नई दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष गजभिये ने कहा कि महात्मा गांधी की समाधि स्थल 50 एकड़ जमीन, राजीव गांधी 35 एकड़, इंदिरा गांधी 40 संजय गांधी 20 एवं बाबा साहेब के लिए मात्र 1 एकड़ जमीन ही दिया गया है। गजभिये ने कहा कि अंबेडर की समाधि स्थल के आस पास की जमीन को खाली करा कर बाबा साहेब के लिए भी अधिक जमीन दिया जाये। उन्होंने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की तारीफ करते हुए कहा कि पंजाब में मुख्यमंत्री के रूप में दलित चेहरा चरणजीत सिंह चन्नी को बनाया है, उसका हम स्वागत करते हैं,

केन्द्र की सरकार 22 राज्यों में भी दलित चेहरों को मुख्यमंत्री बनाये नही तो हमें भी सोचना होगा  कि हम उनका साथ दें या ना दें। मायावति और कांशीराम ने दलितों का मान बढाया है। अंबेडकर जी के 5 तीर्थ स्थान रहे है जिसमें जन्म स्थान महु, नागपुर मे जहां दीक्षा ली, चैत्यभूमि मुंबई दिल्ली में निधन एवं शिक्षा लंदन में ली थी, कई जगह अंबेडकर के स्मारक बन चुके हैं, और भी जगह बनने चाहिए।
सुनिल रामटेके राष्ट्रीय महासचिव, अनिल खेाब्रोगड़े, अनिल गजभिये, बालाराम कोलते , सहित अन्य लोग बड़ी संख्या में लोग पत्रवार्ता में मौजूद थे।

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