स्वर्णिम विजय मशाल“ के कबीरधाम आगमन पर आवश्यक सुझाव एवं आयोजन के संचालन के संबंध में बैठक 1 अक्टूबर को On the arrival of “Swarnim Vijay Mashal” at Kabirdham, a meeting will be held on October 1 regarding necessary suggestions and operation of the event.
स्वर्णिम विजय मशाल“ के कबीरधाम आगमन पर आवश्यक सुझाव एवं आयोजन के संचालन के संबंध में बैठक 1 अक्टूबर को
12 से 19 अक्टूबर तक छत्तीसगढ़ यात्रा करेगा “स्वर्णिम विजय मशाल“
कवर्धा, 28 सितंबर 2021। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारत की पाकिस्तान पर जीत के उपलक्ष्य में “विजय-दिवस“ के रूप में मनाया जाता है। जीत के 50 साल का “स्वर्णिम विजय वर्ष“ के रूप में मनाया जा रहा है। इसी क्रम में “स्वर्णिम विजय मशाल“ 12 से 19 अक्टूबर तक छत्तीसगढ़ यात्रा करेगा। “स्वर्णिम विजय मशाल“ के कबीरधाम आगमन पर आवश्यक सुझाव एवं आयोजन के संचालन के संबंध में चर्चा के लिए जिला कार्यालय के सभा कक्ष में 1 अक्टूबर को शाम 4 बजे बैठक आयोजित की गई है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशों के अनुसार विभिन्न विभागों को ऐसे आयोजनों के संचालन के लिए उचित निर्देश जारी किए गए है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में 40 से अधिक युद्ध नायक हैं, जिन्होने 1971 के युद्ध में भाग लिया है। भारत-पाक युद्ध 3 दिसंबर 1971 को शुरू हुआ, जब पाकिस्तान ने बड़ी संख्या में भारतीय वायुसेना के ठिकानों पर हमले किये। पश्चिमी और पूर्वी मोर्चों पर भारतीय सशत्रबलों द्वारा इस पर त्वरित प्रतिक्रिया की गई। भारतीय सशत्रबलों ने निर्णायक कार्रवाई में पूर्वी पाकिस्तान में ढाका पर कब्जा कर लिया, जिसके फलस्वरूप 93 हज़ार से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया और एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में बांग्लादेश का उदय हुआ। इस युद्ध में भारत ने एक शानदार जीत हासिल की। युद्ध में भाग लेने वाले हमारे बहादुर सैनिकों को सम्मान देने के लिए और जनता, विशेष रूप से युवा पीढ़ी में गर्व की भावना उत्पन्न करने के लिए “स्वर्णिम विजय मशाल“ प्रज्वलित की गई है। देश के इतिहास की इस बड़ी उपलब्धि पर प्रत्येक भारतीय देशभक्त गर्व महसूस करता है।