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बागपत के सिसाना गांव में हजारों साल पुराने जैन मन्दिर की समिति द्वारा निकाली गई भव्य रथयात्रा Grand Rath Yatra taken out by committee of thousands of years old Jain temple in Sisana village of Baghpat

बागपत के सिसाना गांव में हजारों साल पुराने जैन मन्दिर की समिति द्वारा निकाली गई भव्य रथयात्रा

– मन्दिर में विराजमान है इक्ष्वाकु वंश के महान राजा और जैन धर्म के आठवें तीर्थंकर भगवान चन्द्रप्रभ की चतुर्थ काल की प्राचीन प्रतिमा

– औरंगजेब के अत्याचारों से बचाकर लाई गयी जैन धर्म के ग्याहरवें तीर्थंकर भगवान श्रेयांशनाथ जी की प्रतिमा है इस मन्दिर में विराजमान

बागपत, उत्तर प्रदेश।

बागपत के सिसाना गांव में स्थित हजारों साल प्राचीन भगवान चन्द्रप्रभ दिगम्बर जैन मन्दिर सिसाना की समिति द्वारा एक भव्य रथयात्रा का आयोजन किया गया। रथयात्रा में रथ में विराजमान जैन धर्म के ग्याहरवें तीर्थकर भगवान श्रेयांशनाथ जी की मूर्ति को ढ़ोल-नगाड़ों के साथ गांव के विभिन्न स्थानों पर भ्रमण कराया गया और जैन धर्म के लोगों ने समस्त विश्व के कल्याण की कामना की।
गांव के एक बुजूर्ग ने बताया कि बागपत की पावन जमीन भगवान वाल्मीकि से लेकर भगवान परशुराम तक की कर्म भूमि रही है। इसी दिव्य शक्तियों से युक्त पवित्र-पावन भूमि पर सिसाना गांव में हजारों साल पुराना चमत्कारी दिगम्बर जैन मन्दिर स्थित है। इस मन्दिर में इक्ष्वाकु वंश के महान राजा और जैन धर्म के आठवें तीर्थंकर भगवान चन्द्रप्रभ जी की चतुर्थ काल की अत्यन्त प्राचीन अतिशयमयी प्रतिमा विराजमान है। इसी मंदिर में औरंगजेब के अत्याचारों से बचाकर लाई गयी जैन धर्म के ग्याहरवें तीर्थकर भगवान श्रेयांशनाथ जी की अतिशयकारी प्रतिमा भी विराजमान है। भगवान श्रेयांशनाथ जी की इस प्रतिमा के बारे में बताया जाता है कि यह पहले गुहाना-हरियाणा के नगर नामक गांव के प्रसिद्ध जैन मन्दिर में विराजमान थी। 1704 में औरंगजेब द्वारा उस जैन मन्दिर का विध्वंस करा दिया गया। स्थानीय निवासी और जैन धर्म के कट्टर अनुयायी के रूप में एक अलग पहचान बनाने वाले धामड़ परिवार के अमृतराय जैन ने मंदिर के विध्वंस होने से पहले ही उस मंदिर की मुख्य मूर्ति को छुपा दिया और औरंगजेब के सैनिकों से बचते-बचाते मूर्ति को लेकर बागपत के सिसाना गांव में आ गये और यहां पर पहले से ही स्थापित जैन मन्दिर में मूर्ति को विधिवत मंत्रोंचार द्वारा विराजमान कर दिया और परिवार सहित यही रहने लगे। जिस समय अमृतराय जैन सिसाना गांव में आये थे उस समय यहाँ पर सैंकड़ो जैन परिवार रहा करते थे। वर्तमान में अमृतराय जैन के वंशजों का सिर्फ एक जैन परिवार इस गांव में रहता है और इस अत्यन्त प्राचीन मन्दिर की देखभाल करता है। मंदिर कमेटी ने रथ यात्रा में आकर जैन धर्म के आयोजन को सफल बनाने के लिए आये सभी श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर आलोक जैन अनमोल जैन, सत्येंद्र जैन पंकज जैन, जेके जैन बैंक वाले, अमित जैन मिलन फोटो स्टूडियो, सुनील जैन मेडिकल स्टोर वाले, सुनील कुमार जैन बारूमल जैन, वीरेंद्र कुमार जैन, सतेन्द्र कुमार जैन, जेके जैन, पंकज जैन, सुरेंद्र जैन, श्रेयांश जैन, जिनेन्द्र जैन, अंकित जैन, मयंक जैन, पत्रकार विपुल जैन, कमल जैन, रमेश जैन, अजय जैन, संजीव जैन उर्फ चिंटू जैन, वरुण जैन, पुनीत जैन, नेहा जैन, संतोष जैन आदि सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे।

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