छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

बसपा ने लगाया शासन प्रशासन पर भेदभाव का आरोप,अपनी 17 सूत्रीय मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा: BSP accused the administration of discrimination, submitted a memorandum regarding its 17-point demand

दुर्ग। बहुजन समाज पार्टी छत्तीसगढ़ प्रदेश इकाई के अध्यक्ष हेमंत पोयाम के दिशा निर्देश अनुसार शनिवार 25 सितंबर को पूरे छत्तीसगढ़ के साथ दुर्ग जिला में भी पूनापैकट धिक्कार दिवस के अवसर पर केंद्र और राज्य सरकार की गलत नीतियों के विरोध महामहिम राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।

ज्ञापन में कहा गया कि बहुजन समाज पार्टी देश के एकमात्र ऐसी पार्टी जो इस देश के संविधान को मानकर चलती है लेकिन 24 सितंबर को राजधानी रायपुर में प्रदेश स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन किया जाना था जिसके परमिशन के लिए 03 तारीख को प्रशासन को आवेदन दिया गया था और प्रशासन के आश्वासन पर  हमने कार्यक्रम की भव्य तैयारी कर ली गई थी लेकिन अंतिम समय में 21 सितंबर को प्रशासन द्वारा राज्य सरकार के दबाव में आकर हमें कोविड नियम का हवाला बता कर कार्यक्रम का अनुमति नहीं दिया जबकि सरकार व सभी राजनीतिक पार्टियां व संगठन बड़े बड़े कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं तो बहुजन समाज पार्टी के साथ यह भेदभाव क्यों? ऐसे नियमों को बर्खास्त करने की मांग की जिससे पार्टी संवैधानिक दायरे में रहकर अपना कार्यक्रम कर सके।

बसपा के जिलाध्यक्ष लोकेश महलवार ने कहा कि पिछले आम चुनाव में राज्य की सरकार द्वारा आम जनता को काफी लोक लुभावने वादे कर सत्ता में आयी थीं, आज सरकार को बने 3 साल हो गए वादे पूरा नहीं हुए।  बसपाईयों ने मांग की है कि छग में पूर्ण शराबबंदी, बेरोजगारों को 2500 मासिक भुगतान करने, संविदा नियुक्ति, आउट सोर्सिंग बंद करने, अनुसूचित जातियों का 16 प्रतिशत आरक्षण लागू करने, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करो, पांचवी अनुसूची पेशा कानून का पालन किया जाए, आरक्षित खाली पदों को भरा जाए, जेलों में बंद निर्दोश आदिवासियों को रिहा करने सहित अन्य कई ऐसी मांगे हैं जिससे यह साबित होता है कि सरकार की कथनी और करनी में बहुत फर्क है।

ज्ञापन सौंपने वाले मुख्य रूप से दुर्ग जिला जोन प्रभारी दीपक चंद्राकर, दुर्ग जिला अध्यक्ष लोकेश महलवार, दुर्ग विधानसभा अध्यक्ष सचिन गवई, संतु प्रसाद यादव, अश्वनी साहू, सागर सेन, देव आनंद कुंभकार, कोरम, व्यास नारायण कुर्रे, पहलाद वाहने, बंटी चौरे, फिरोज सिद्दीकी, राजेंद्र बघेल, संतोष बंजारे, शेखर नेताम व अन्य कार्यकर्ता शामिल थे।

Related Articles

Back to top button