साहित्यकारों ने पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश

भिलाई। माँ राज.राजेश्वरी मंदिर, ओवरब्रिज के नीचे, पावरहाउस के प्रांगण में साहित्यकार सुश्री नीता काम्बोज के संयोजन और साहित्य सृजन परिषद् भिलाई के तत्वाधान में पर्यावरण संरक्षण विषय पर परिचर्चा की गई। तदुपरांत सरस काव्यगोष्ठी और मंदिर प्रांगण में वृक्षारोपण का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुवात में सर्वप्रथम माँ राज राजेश्वरी की पूजा अर्चना कर उनका आशीर्वाद सभी रचनाकारो और अतिथियों ने लिया। इस दौरान काव्यगोष्ठी का आयोजन हुआ जिसके संचालन का दायित्व साहित्य सृजन परिषद के सचिव गजेन्द्र द्विवेदी गिरीश ने निभाया। साहित्यकारों ने अलग अलग विषयों पर अपनी रचनाएं पढ़ी पर साथ ही साथ पर्यावरण संरक्षण का सन्देश देती रचनाओं से से भी सबको प्रेरित किया। प्रोफेसर साकेत रंजन ने बादलों का स्वागत करते हुआ कहा कि, झुलसी धरती के दिन लगे लौटने, बादल आज फिर हो चले हैं घने। सुश्री नीता कम्बोज ने ओजोन परत की दुर्दशा पर कहा कि, वाह रे इंसान ओजोन में भी कर दिया छेद। सरस काव्यगोष्ठी के बाद अतिथियों और रचनाकारों ने मंदिर प्रांगण में अनेक प्रकार के वृक्ष लगाकर उसे सहेजने और संवारने का संकल्प लिया और अंत में साहित्य सृजन परिषद् के अध्यक्ष एन.एल. मौर्य ने धन्यवाद किया।