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जिले में बार एक फिर अंगड़ाई लेता कबाड़ी, सट्टापट्टी, गांजा और अवैध शराब का काला कारोबार

दुर्ग /  दुर्ग पुलिस के द्वारा लगातार की जा रही कबाडियों के विरुद्ध कार्यवाही, लगातार कार्यवाही के बावजूद भी कबाडियों का अवैध कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है, बता दे कि पूर्व पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल के दुर्ग जिले की कमान सँभालते ही कबाड़ी, सट्टापट्टी, अवैध शराब, अवैध गाँजा जैसे अवैध कारोबारियों को या तो सांप सूंघ गया या तो वो सलाखों के पीछे डाल दिए गए, वही दुर्ग जिले में नये एसएसपी बद्रीनारायण मीणा के आने के बाद भी ये कार्यवाही जारी है, लेकिन उसके बाद भी लगभग सभी व्यापार फिर से एक बार अपने पुराने अस्तित्व में आते दिखाई दे रहे है ! जिसको लेकर एक बार फिर दुर्ग पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर चर्चा का बाज़ार गर्म होने लगा है !

आपको बता दें, कि पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल के बाद कबाडियों पर हुई कार्यवाही के बाद भिलाई इस्पात संयत्र ने चैन की साँस लेनी शुरू कर दी थी, क्योकि संयत्र समेत टाउनशिप क्षेत्र होने वाली चोरियां लगभग थम सी गई थी, लेकिन एक बार फिर शुरू हुए कबाडियों के अवैध कारोबार ने भिलाई इस्पात सयंत्र का सर दर्द बढ़ा दिया है !

ऐसा हम बिलकुल नहीं कह रहे है कि  नये एसएसपी के आने के बाद कार्यवाही नहीं हो रही है, कार्यवाही हो रही है, लेकिन कार्यवाही के बाद भी कबाड़ व्यापार संचालित है, इसी कड़ी में  गया नगर स्थित सोनी कबाड़ी की दूकान पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मीणा एवं उप पुलिस अधीक्षक संजय ध्रुव के मार्गदर्शन में नगर पुलिस अधीक्षक कौशलेन्द्र पटेल के नेतृत्तव में दबिश दी गयी, जहा से कुछ गाडियों की कटिंग मिलने की सुचना प्राप्त हुई . बता दे कि गया नगर स्थित सोनी कबाड़ी के ऊपर साल भर में तीन चार बार कार्यवाही हो चुकी है और हर बार कुछ ना कुछ ऐसे सामन बरामद हुए है, जो अवैधानिक होने की पुष्टि हुई है . बावजूद इसके सोनी कबाड़ी जैसे लोगो द्वारा इस तरह का अवैध व्यापार निरंतर ज़ारी है ! इसका बड़ा कारण यह है की कबाडियों के ऊपर जब भी किसी तरह की कार्यवाही होती है तो मामूली सजा के कारण ये जल्दी ही बाहर आ जाते है और एक बार फिर चोरी के माल को खरीदने के लिए कमर कस लेते है !

पूर्व एसपी  प्रशांत अग्रवाल ने कबाड़ी, सट्टापट्टी, गांजा और अवैध शराब का कारोबार करने वालों में दुर्ग पुलिस के नाम से दहशत बनाई थी, कई अवैध कारोबारी तो अंडरग्राउंड हो गए थे, और कई जेल चले गए थे, कुछ तो अभी भी जेल में ही है, अभी कुछ को जमानत भी नहीं मिली, अब जेल में बैठे बैठे भी अवैध कारोबार को संचालित कर ले रहे है !

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