ड्रग माफिया तैमूर खान उर्फ भोला चढ़ा क्राइम ब्रांच के हत्थे, 8 साल से फरार शातिर के नाम पर बच्चे खेलते थे गेम Drug mafia Taimur Khan alias Bhola Chadha was caught by the crime branch, children used to play games in the name of absconding for 8 years
नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की क्राइम ब्रांच की नारकोटिक्स सेल (Narcotics Cell) ने बरेली ड्रग्स माफिया गैंग के फरार चल रहे एक मोस्टवांटेड ड्रग माफिया (Drug Mafia) को गिरफ्तार किया है. इस तस्कर पर दिल्ली पुलिस की ओर से एक लाख रुपये और यूपी पुलिस की ओर से 50 हजार रुपये का इनाम रखा हुआ था. जबकि यह 9 मामलों में वांटेड था और 2012 से फरार चल रहा था.इस बारे में डीसीपी क्राइम (नारकोटिक्स) चिन्मय बिस्वाल ने कहा कि गिरफ्तार किए गए तस्कर का नाम तैमूर खान उर्फ भोला है, जो कि 37 साल का है. यह यूपी के बरेली के एक गांव का रहने वाला है. यही नहीं, वह दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के तीन और यूपी बरेली पुलिस के एक मामले में भगौड़ा भी घोषित था. जबकि इसे क्राइम ब्रांच बड़ी कामयाबी के रूप में देख रही है. इससे पहले बरेली ड्रग्स गैंग मामले में नारकोटिक्स सेल ने तीन तस्करों को पकड़ा था, जिनमें एक प्रधान था.इलाके का है रॉबिनहुड
डीसीपी का कहना है कि तैमूर ने अपने गांव के आसपास के इलाके में स्थानीय रॉबिनहुड की एक छवि बनाई थी और वह ड्रग्स से कमाए पैसे को गरीबों की मदद करने के रूप में भी इस्तेमाल करता था. यही वजह है कि जब यूपी या दिल्ली पुलिस उसे पकड़ने जाती थी, तो वह लोकल जानकारी मिलने से बच निकलता था. हाल ही में दिल्ली पुलिस को सूचना मिली कि तैमूर आश्रय की तलाश में सीलमपुर जा रहा है, क्योंकि एक और कुख्यात ड्रग तस्कर शाहिद खान की गिरफ्तारी के बाद उसे शक हुआ कि उसने अपने ठिकाने की जानकारी पुलिस को दी होगी. इसके बाद पुलिस टीम तुरंत हरकत में आई और जाल बिछाया और उसको मेट्रो स्टेशन के पास दबोच लिया. हालांकि इस दौरान उसने भागने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस टीम ने उसे काबू कर लिया. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के मुताबिक, शाहिद और तैमूर खान ने बरेली में गन्ने के खेतों के बीच हेरोइन तैयार करने की यूनिट लगाई हुई थी.
भोला भाग गया नाम बच्चे खेल खेलते हैं गेम
डीसीपी चिन्मय बिस्वाल ने बताया कि तैमूर खान उर्फ भोला के गांव के बच्चे उसके नाम पर भोला भाग गया नाम से गेम भी खेलते हैं. इस दौरान कुछ बच्चे यूपी पुलिस, तो कुछ दिल्ली पुलिस बन जाते हैं. यही नहीं, शुरुआत में यह बरेली और अन्य इलाकों से ड्रग्स की सप्लाई करता था, लेकिन इसके बाद उसने दिल्ली समेत कई राज्यों में अपना धंधा शुरू कर दिया. तैमूर ग्रेजएट है और एमबीए में एडमिशन ले रहा था, लेकिन तभी यह ड्रग्स के धंधे में पड़ गया. वह पहली बार वर्ष 2008 में 670 ग्राम स्मैक के साथ गिरफ्तार किया गया था. इस वजह से वह सात महीने तक जेल में रहा था.