ग्राम वनउसरी में राशन न मिलने से भूखे मरने जैसे हालात, परेशानी सुन समाज सेवियों ने पहुँचाया चावल

कोण्डागांव । जिले के जनपद पंचायत कोण्डागांव के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत माकडी के आश्रित ग्राम वनउसरी के ग्रामीणों को राशन की दुकान से बीते कई दिनों से चावल का वितरण नही किया जा रहा है जिसकी वजह से आज स्थिति यह है कि गांव के लोगो के सामने भूखे से मरने जैसे हालात पैदा हो गये है ।
गाँव वालों का कहना है कि चुनाव के समय वोट देने को लेकर विवाद हुआ था जिसकी वजह से सरपंच ने राशन दुकान में पर्याप्त स्टॉक होने के बावजूद भी ग्रामीणों को चावल के वितरण करने से मना कर दिया ।
जिसके संबंध में कलेक्टर महोदय को 25 जून 2019 को लिखित में शिकायत दर्ज करा इस समस्या की जानकारी से अवगत कराया गया था । जिसके परिणामस्वरूप ग्राम वनउसरी निवासियों के लिए गांव के राशन दुकान में चावल तो भेज दिया गया है, लेकिन सरपंच द्वारा कई तरह के बहाने बनाकर वितरण नहीं किया जा रहा है।
ग्रामीणों ने चावल वितरण को लेकर हो रही इस समस्या से स्थानीय समाज सेवक हेमेश गाँधी जी को अवगत कराया। ग्रामवासियों की समस्या दुर करने के साथ ही प्रशासन का ध्यान उन ग्रामवासियों ओर आकर्षित करने का फैसला किया और 13जुलाई को कुछ मात्रा में चावल लेकर अपने समाजसेवी मित्र वकील तिलक पाण्डे एवं शैलेष शुक्ला जी के स्वयं के खर्चे पर बडेउसरी पहुंचे । जहाँ स्थानीय निवासी मुकेष मण्डावी की सहायता से चावल वितरण हेतु वनउसरी चौक मेे रुके, जैसे ही गांव के लोगों को ज्ञात हुआ कि चावल वितरण करने कुछ लोग पहुंचे हैं तो देखते ही देखते अच्छी खासी भीड इकट्ठी हो गई । जो गांव वालों की वास्तविक परेशानी को स्पष्ट बयां करने के लिए काफी है। वहां पर एकत्रित हुए सभी ग्रामीणों को थोडा-थोडा चावल का वितरण किया गया और राशन नहीं मिलने की वजह से उनको होने वाली परेशनी को जाना।
कलेक्टर को आवेदन देने के बाद भी ग्रामीणों को चावल का वितरण करने हेतु किसी प्रकार की कार्यवाही न होता देख हेमेश गांधी जी ने ग्रामवासियों से चर्चा के बाद तय किया कि वे सोमवार को ग्राम वनउसरी के ग्रामीणों के साथ संभागीय मुख्यालय जगदलपुर पहुंचकर संभागायुक्त से चर्चाकर समस्या का समाधान निकालने का प्रयास करेंगे। कुल मिलाकर ग्रामवासियों के हालात बता रहे हैं कि कोण्डागांव जिले में अफसरशाही जनहित से परे चलती नजर आ रही है। जबकि जनता की समस्या का समाधान ही लोकसेवकों के लिए सर्वोपरि कार्य होना चाहिए। अब आगे यह देखना होगा कि वनउसरी के ग्रामीणों की राशन की समस्या का समाधान हो पाता है या नही या सरकार के भण्डार में चावल होने के बावजूद भी फिर ग्रामीणों को अपने हक का राशन लेने के लिये इसी प्रकार से समाज सेवकों की सहायता लेनी पड़ेगी ।