आजादी का अमृत महोत्सव पर निबंध प्रतियोगिता: Essay Competition on Amrit Festival of Independence
भिलाई। स्वतंत्रता प्राप्ति के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में पूरे देश भर में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत अनेक बहुरंगी कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। भिलाई इस्पात संयंत्र, राजभाषा विभाग भी इस अवसर पर संयंत्रकर्मी अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए अनेक कार्यक्रम व प्रतियोगिताएँ आयोजित कर रहा है। इसी क्रम में विगत दिनों, प्रति वर्ष सितंबर माह में आयोजित होने वाले राजभाषा पखवाड़ा के तहत तात्कालिक, ऑनलाइन निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। निबंध का विषय था आजादी का अमृत महोत्सव, भिलाई इस्पात संयंत्र के संदर्भ में। इस तात्कालिक, ऑनलाइन निबंध प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए संयंत्र के समस्त कार्यपालक व गैरकार्यपालक में भारी उत्साह देखने मिला।
प्रतियोगिता में प्रतिभागिता अत्यंत प्रशंसनीय रही। संयंत्र स्तर पर 38 प्रतिभागियों ने भाग लिया, वहीं खदान स्तर पर दल्ली राजहरा, नंदिनी और हिर्री समेत सभी खदानों से 13 प्रतिभागियों ने अपनी प्रविष्टियाँ भेजीं, विषय के अनुकूल सभी प्रतिभागियों ने संयंत्र की स्थापना से लेकर आज तक संयंत्र की यात्रा, उत्तरोत्तर प्रगति, अतीत से लेकर वर्तमान तक के विभिन्न परिवर्तन, संयंत्र के गौरवशाली इतिहास आदि को विषय की प्रासंगिकता को ध्यान में रखते हुए शब्दों के माध्यम से उकेरा।
इस ऑनलाइन तात्कालिक निबंध प्रतियोगिता के परिणाम एवं राजभाषा पखवाड़ा के दौरान आयोजित अन्य प्रतियोगिताओं ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता ,ऑनलाइन तात्कालिक काव्यलेखन प्रतियोगिता, व ऑनलाइन तात्कालिक चित्र देखें-कहानी लिखें प्रतियोगिता के विजेताओं के नाम हिंदी दिवस के अवसर पर घोषित किए जाएंगे।
आजादी का अमृत महोत्सव श्रृंखला के तहत संयंत्र के विभिन्न विभागों द्वारा विविध आयोजन किए जा रहे हैं। राजभाषा विभाग द्वारा आने वाले दिनों में आजादी का अमृत महोत्सव श्रृंखला की तहत और भी आयोजन किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि आजादी का अमृत महोत्सव श्रृंखला के अंतर्गत विगत दिनों स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राजभाषा विभाग द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव ऑनलाइन कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें संयंत्र के रचनाधर्मी इस्पातकर्मी कवियों व कवित्रियों ने राष्ट्रप्रेम, स्वतंत्रता संग्राम, स्वतंत्रता बलिदानियों, भारत के गौरवशाली इतिहास, अनेकता में एकता, भारत की एकता, अखण्डता व संप्रभुता आदि पर केन्द्रित अपनी रचनाएँ प्रस्तुत की। उक्त कवि गोष्ठी को दर्शकों का अच्छा प्रतिसाद मिला था, साथ ही आमंत्रित कवियों ने भी आयोजन की भरपूर सराहना की।