वनाधिकार पत्र मिलने से सिंगलु राम ले रहा शासन की योजनाओं का लाभNarayanpur district is moving towards corona liberation, only 1 active case Singloo Ram is taking advantage of the schemes of the government by getting the forest rights letter

वनाधिकार पत्र मिलने से सिंगलु राम ले रहा शासन की योजनाओं का लाभ
जिले मे अब तक कुल 5767 व्यक्तिगत एवं सामुदायिक वन अधिकार पत्र वितरित
जिले के भूमिहीन किसानों को वनाधिकार पत्र प्रदान कर दिया मालिकाना हक
नारायणपुर, 09 सितम्बर 2021- अपनी जमीन का मालिकाना हक पाने का सपना हर व्यक्ति का होता है। जब यह सपना पूरा हो जाता है तो खुशी का ठिकाना नहीं रहता। नारायणपुर जिले के ग्राम झारा निवासी श्री सिंगलु राम को 1.80 हेक्टेयर जमीन लगभग 4.5 एकड़ जमीन का वनाधिकार पत्र दिया गया है। वनाधिकार पत्र मिलने से श्री सिंगलु राम का कहना है कि प्रदेश सरकार गरीब आदिवासियों की जमीन का वनाधिकार पत्र देकर उनका मालिकाना हक प्रदान कर रही है। भूमि अधिकार पत्र पाकर वह बहुत खुश है और प्रदेश सरकार के मुखिया श्री भूपेश बघेल का हदय से धन्यवाद दिया है। श्री सिंगलु ने बताया कि उनके पूर्वज बरसो से इसी भूमि में खेती बाड़ी करते आ रहे हैं। पहले हमारा यह क्षेत्र बहुत ही पिछड़ा हुआ था। तब हमारे पास इसके कोई दस्तावेज नही थे, लेकिन हम जमीन पर बरसों से खेती किसानी करते आ रहे हैं। जब नियम-कानून या सरकारी काम के लिए ऋण लेने, खाद-बीज का उठाव करने या अन्य कोई सरकारी मदद के लिए पट्टे या भूमि के दस्तावेजों की बात आती थी हम डर जाते थे, हमारे पास हमारे जमीन का कोई कागज नही था। जिसके कारण भूमि के छिन जाने का डर हमेशा लगा रहता था। लेकिन बहुत ही कम समय में और कम कागजात से हमे अपने जमीन का मालिकाना हक मिल गया। एक सामान्य से आवेदन से हमे अपने जमीन का मालिकाना हक मिला है। अब हम अपने खेतों में खेती किसानी का काम कर रहे हैं और शासन की योजनाओं का भी लाभ ले रहे हैं।
ज्ञातव्य है कि अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासी वनाधिकार अधिनियम 2006 के तहत् 13 दिसम्बर 2005 के पूर्व वन भूमि में काबिज हितग्राहियों को वनाधिकार मान्यता पत्र प्रदाय किया जा रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सर्वाेच्च प्राथमिकता वनवासियों के अधिकारों की रक्षा एवं वनों का प्रबंधन स्थानीय समुदाय को सौंपने का है। मुख्यमंत्री श्री बघेल की इसी मंशा के अनुरुप जिले में वनाधिकार मान्यता पत्रों के प्रदाय में उल्लेखनीय उपलब्धि प्राप्त हुई है। जिले में कुल 4 हजार 920 व्यक्तिगत वनाधिकार मान्यता पत्रों के माध्यम से अधिकार प्रदान किया गया है। व्यक्तिगत वनाधिकार में कृषि भूमि, बाड़ी, आवासीय सुविधा एवं जीवन-यापन को उन्नत करने हेतु अन्य प्रयोजन की भूमि सम्मिलित है।
राज्य सरकार की मंशानुसार जिले में अब तक 847 सामुदायिक वनाधिकार पत्रों का वितरण किया गया है। इसके तहत् गौण वनोत्पाद, जलाशय, चारागाह, जैव विविधता इत्यादि प्रयोजन हेतु भूमि का अधिकार ग्राम सभाओं के माध्यम से वनवासी समुदाय को प्रदान किया गया है। इसके साथ ही वनवासियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण अधिकारों को सुरक्षित एवं संरक्षित करने हेतु अब तक उपेक्षित प्रावधान को प्राथमिकता देने के फलस्वरूप जिले में समुदाय को ग्राम सभाओं के माध्यम से 847 सामुदायिक वन अधिकार पहली बार प्रदान किये गये हैं, जिसके तहत मूल निवासियों को जल, जंगल एवं जमीन के संपूर्ण प्रबंधन उपयोग सहित संरक्षण एवं पुर्नजीवन हेतु संपूर्ण अधिकार पहली बार प्रदान किया गया है।