छत्तीसगढ़

गत गुरुवार को गायत्री प्रज्ञा परिवार के तत्वाधान में क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों तथा ग्राम वासियों का एक प्रतिनिधि मंडल शराब दुकान बंद करने Last Thursday, under the aegis of Gayatri Pragya family, a delegation of people’s representatives of the area and villagers decided to close the liquor shop.

गत गुरुवार को गायत्री प्रज्ञा परिवार के तत्वाधान में क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों तथा ग्राम वासियों का एक प्रतिनिधि मंडल शराब दुकान बंद करने, चारागाह की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने और अवैध शराब पर कार्यवाही करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर बलौदाबाजार कलेक्टर माननीय सुनील जैन को ज्ञापन सौंपा l गायत्री परिवार के प्रमुख सदस्य श्री आधार सिंह ध्रूव एवं श्री तुलाराम पटेल जी ने बताया कि हिरमी अंचल के 8 साल के बच्चे से लेकर 80 साल तक के बुजुर्ग भी शराब के लत में फस चुके हैं जिसके कारण संस्कार और संस्कृति का बड़ा ह्रास हो रहा है, परिवारों में हिंसा का माहौल है, अगर शराब दुकान बंद नहीं किया गया तो मानव समाज को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।
जिला पंचायत सदस्य श्रीमती अदिति बाघमार ने कहा कि हिरमी शराब दुकान से क्षेत्रवासी खासकर महिलाएं सबसे ज्यादा पीड़ित है तत्काल छत्तीसगढ़ शासन घोषणा पत्र अनुसार शराब दुकान बंद करे।
जनपद सदस्य श्री अनुपम अग्रवाल ने बताया की शराब दुकान प्रमुख मार्ग पर है जहां से महिला और स्कूली बच्चियों का आना जाना दुभर हो गया है इसे तत्काल बंद किया जाए , साथ ही अधिक दर पर शराब बेचकर शासन को करोड़ों रुपए के राजस्व का चूना लगाकर संगठित लूट की जा रही है जिसमें प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल है।
प्रतिनिधि मंडल में जनपद सदस्य किशोर सिंह ठाकुर, बरडीह सरपंच भागीरथी वर्मा, सकलोर सरपंच भागीरथी वर्मा, कुथरौद उपसरपंच तारण दास, पंच शत्रुहन अनंत, भटभेरा सरपंच प्रतिनिधि रामकुमार साहू, तिल्दा बांधा सरपंच प्रतिनिधि जय यादव, परमेश्वर सिन्हा, गिरधारी पटेल, तेजनाथ पटेल, रानीजरौद उपसरपंच चोवा राम, सहित सैकड़ों की संख्या में क्षेत्रवासी एवं गायत्री परिवार के लोग शामिल थे।
*चारागाह को अतिक्रमण मुक्त कराने दिया ज्ञापन*
वही ग्राम कुथरौद के सरपंच शिव जयसवाल ने बताया कि ग्राम के चारागाह और उसके आस पास की जमीन को कुछ लोगो द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है, जिसे अतिक्रमण मुक्त करने ग्राम पंचायत से सर्वसम्मति से प्रस्ताव करके माननीय तहसीलदार को अनुरोध पत्र दिया गया था, किंतु शासन की प्रमुख और महत्वकांछी योजना नारवा, गरवा, घूरवा, बारी होने के बाद भी प्रशासनिक अधिकारी सहयोग नहीं कर रहे, ग्राम की शांति व्यवस्था बाधित हो रही है, इसके लिए माननीय कलेक्टर द्वारा शीघ्र कार्यवाही का भरोसा दिया गया है।

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