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*नेवनारा में श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ सप्ताह*

बेरला:- ब्लॉक के ग्राम नेवनारा में कुलदेवी मां चंडी के आशीर्वाद से प्रातः स्मरणीय ज्योतिष एवं द्वारिका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के कृपा पात्र शिष्य ब्रह्मचारी ज्योतिर्मयानंद जी महाराज के मुखारविंद से डॉ मेघेश तिवारी कृषक नेता योगेश तिवारी के निवास ग्राम -नेवनारा में बैकुंठ वासी मां एवं पिताजी के स्मृति में 24 अगस्त से भागवत कथा निरंतर चल रहा है। आज ब्रह्मचारी ज्योतिर्मयानंद जी ने श्रोताओं को भागवत महापुराण के बारे में बताते हुए कहा कि सैकड़ों वर्षो से यह महापुराण हिंदू समाज की धार्मिक सामाजिक और लौकिक मर्यादाओं की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है इस महापुराण में सकाम कर्म, निष्काम कर्म, ज्ञान साधना, सिद्धि साधना, भक्ति, अनुग्रह, मर्यादा, निर्गुण-सगुण, तथा व्यक्त- अव्यक्त रहस्यों का समन्वय उपलब्ध होता है। श्रीमद् भागवत पुराण की विशालता और उदान्त काव्य-रमणीयता से ओतप्रोत है।यह विद्या का अक्षय भंडार है यह पुराण सभी प्रकार के कल्याण देने वाला तथा त्रयताप-आधिभौतिक, आधिदैविक, और आध्यात्मिक आदि का शमन करता है। ज्ञान भक्ति और वैराग्य का बोध कराने वाला यह एक महान ग्रंथ है। जीवन में प्रत्येक इंसान को एक बार भागवत कथा का पाठ या श्रवण जरूरी है कथा के श्रवण मात्र से मनुष्य के सारे दोष मिट जाते हैं निर्मल बुद्धि का प्रसार होने लगता है ब्रह्मचारी ज्योतिर्मयानंद जी ने रुक्मणी विवाह प्रसंग पर कथा बताते हुए कहा की श्री कृष्ण को रुक्मणी का एक पत्र मिला जिसमें शिशुपाल से विवाह करने से पहले उसे विदर्भ से दूर ले जाने के लिए कहा है। श्री कृष्ण के नाम रुक्मणी के पत्र को समाजशास्त्र की दृष्टि से देखे तो उसका महत्व बहुत बढ़ जाता है आज का भारत ये भूल चुका है कि भारतीय संस्कृति ने वरमाला कन्या के हाथ में दी थी इसे भारतीयों ने वर्तमान में वरमाला से वधुमाला बना दिया है। यदि रुकमणी शिशुपाल से विवाह नहीं करना चाहती तो शिशुपाल से विवाह नहीं होगा और यदि आवश्यकता आ पड़े तो स्वयं श्री नारायण हस्तक्षेप करने पर विवश हो जाते हैं। की नारी के हाथों से यह अधिकार छीनने का अधिकार किसी को नहीं है।रुकमणी के पत्र पर श्री कृष्ण का कुंदनपुर जाना ही यह सिद्ध करता है कि भारतीय समाज में नारी अधीन नहीं थी उसे अपने जीवन के विषय में निर्णय लेने का पूरा अधिकार था। श्री कृष्ण विदर्भ जाते हैं जहां उन्होंने भीष्मक और शिशुपाल को हराया और रुक्मणी को ले गए। भागवत कथा स्थल पर ब्रह्मचारी इंदु भवानंद जी महाराज गोपाल शरण महाराज रायपुर पूर्व महापौर प्रमोद दुबे बेमेतरा नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती शकुंतला साहू पार्षद रश्मि फणेन्द्र मिश्रा डेनिम सेन सुनील तिवारी अजय मिश्रा सुरेश दुबे मनोज सिन्हा किशोरी सिन्हा मदन सिंहमनोज दुबे अरुण पटेल महेश्वर पटेल हरीश गिरधारी जीवन गायकवाड राजेश मारकंडे प्रकाश दुबे मृत्युंजय शुक्ला राजेश साहू हरीश बंछोर रवि यादव दयानंद सोनकर प्रवीण पांडे व अभिषेक शर्मा इत्यादि उपस्थित रहे।

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