राज्य में दस सितम्बर को मनेगा विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस राज्य के मानसिक रोगियों की होगी पहचान, किया जाएगा उपचार:World Suicide Prevention Day will be celebrated in the state on September 10 State’s mental patients will be identified, treatment will be done
दुर्ग। हर वर्ष के तरह भी 10 सितम्बर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस बार विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की थीम क्रियेटिंग होप थ्रू एक्षन (कर्म से उम्मीद जगाना) निर्धारित की गयी है।
इस दिवस के उपलक्ष्य में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से 6 से 33 सितम्बर तक राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत विश्व आत्महत्या रोकथाम सप्ताह के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। इस सम्बन्ध में डॉ. प्रियंका शुक्ला मिशन संचालक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण छत्तीसगढ़ की ओर से राज्य के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों पत्र जारी किया गया है जिसमें आत्महत्या रोकथाम के लिए जन-जागरूकता बढ़ाने की बात कही गयी है।
विश्व आत्महत्या रोकथाम सप्ताह में होंगे यह कार्यक्रम
पत्र में कहा गया है कि विश्व आत्महत्या रोकथाम सप्ताह के दौरान सभी जिलों में जन जागरूकता हेतु विभिन्न गतिविधियों एवं कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना है। इस दौरान मुख्य रूप से मानसिक स्वास्थ्य से समबन्धित समस्याओं से ग्रस्त मरीजों की पहचान की जायेगी और उनको उपचार भी उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अतिरिक्त मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों में सोशल मीडिया की भी सहभागिता सुनिश्चित की जायेगी, इसके लिए जिन्दगी चुने विजेता बनें की थीम पर हैशटैग अभियान और हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जाएगा। साथ ही आत्महत्या रोकथाम सम्बन्धी जागरूकता कार्यक्रम, पम्पलेट वितरण, बैनर, पोस्टर जागरूकता कार्ड, बैठक एवं रेडियो जिंगल्स आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। साथ ही इन कार्यक्रमों एवं गतिविधियों के महत्वपूर्ण विडियो एवं फोटोग्राफ भी संकलित किये जायेंगे एवं उनको विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से साझा किया जाएगा।
आत्महत्या का प्रयास करने वालों की होगी पहचान
विश्व आत्महत्या रोकथाम सप्ताह के दौरान विशेष रूप से ऐसे मानसिक रोगियों की पहचान की जायेगी जो आत्महत्या का प्रयास कर चुके हैं। पहचान करने के उपरांत ऐसे लोगों को मानसिक रोग विशेषज्ञों द्वारा परामर्श दिया जाएगा साथ ही उनका उपचार भी शुरू किया जाएगा। इसके अतिरिक्त अन्य मानसिक स्वास्थ्य से सम्बंधित समस्याओं से ग्रस्त लोगों की भी पहचान कर उनका उपचार सुनिश्चित किया जाएगा।