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*खेल-खेल में ढह गयी मिट्टी की दीवार, दबने से दो मासूम बच्चो की मौत, गाँव मे मातम कीस्थिति*

*(बेरला में स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से सरकार को लग रहा चुना तो योजना हो रहा बर्बाद)*

*बेमेतरा:-* शासन-प्रशासन द्वारा युवाओं के लिए अनेक लोकलुभावन योजनाओं के माध्यम से कई विकास कार्यक्रम चलाए जा रहे है। जो कागजो पर तो मुहर लग जाती है लेकिन उसका जमीन पर असल आधार, उपयोगिता एवं महत्व ढर्रे पर होता है, जिससे शासन-प्रशासन का बेतहासा पैसा भी बर्बाद होता है वही योजनाओ की भी धज्जियां उड़ा जाती है।जिसका कुछ इसी तरह का नज़ारा इन दिनों ज़िले के बेरला नगर पंचायत में युवाओं के लिए बनाये गए व्यायाम शाला( जिम) की वास्तविक उपयोगिता एवं महत्व को देखकर अंदाज़ा लगाया जा सकता है। जिसमे लाखों रुपये की भारी भरकम लागत से युवाओं के लिये ज़िमघर का निर्माण कर दिया गया है। लेकिन स्थानीय प्रशासन की लापरवाही एवं उदासीनता के चलते उसका असल उपयोग इन दिनों वाहन खड़ा करने एवं गाड़ी पार्किंग के अड्डे रूप में किया जा रहा है। जिससे नगर के युवाओं में काफी रोष एवँ असन्तोष पनप रहा है। क्योंकि वर्तमान स्थिति में युवाओं की सेहत व बॉडी बनाने के लिए एक भी ज़िमघर स्थानीय स्तर पर सन्चालित नही है, वही सरकारी योजना के तहत बीइओ ऑफिस के समीप बना है, उसमें प्रशासन द्वारा निरन्तर संचालन के अभाव एवं देखरेख में कमी के चलते आसपास के रहवासी लोगों के लिए गाड़ी रखने का अड्डा बन गया है। जिसमे युवाओं के लिए सर्व सुविधाओं से लैस व्यायाम शाला होते हुए भी जिम घर के लिए बेरला नगर क्षेत्र के युवाओं को भटकने के लिए नगरीय प्रशासन असल जिम्मेदार है।वही सूत्रों के हवाले पर गौर करे तो बेरला के व्यायाम शाला में असमाजिक तत्वों का जमावड़ा होने के साथ शराब व जुए का फड़ भी शाम रात को सजते है।जो कि गम्भीर बात है।
वैसे तो ज़िले के अनेक नगरीय निकायों में व्यायाम शाला अर्थात ज़िमघर युवाओं के लिए बने है किंतु बेरला सरीखे कुछ इलाकों में इस योजना की मूल मकसद से इतर उपयोग कराकर शासन-प्रशासन के पैसों की बर्बादी कर रहे है। जिस पर जिम्मेदार ज़िला अफसरों को ध्यान देने की जरूरत है।

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