छत्तीसगढ़

गिधवा मे वन महोत्सव के दौरान 800 पौधे रोपे गए पक्षी महोत्सव के कारण गिधवा-परसदा की ख्याति दूर-दूर तकगिधवा मे वन महोत्सव के दौरान 800 पौधे रोपे गए पक्षी महोत्सव के कारण गिधवा-परसदा की ख्याति दूर-दूर तकOpen carrom competition will be organized on the birth anniversary of Major Dhyan Chand 800 saplings were planted during Van Mahotsav in Gidhwa Due to the bird festival, the fame of Gidhwa-Parsada spread far and wide.

गिधवा मे वन महोत्सव के दौरान 800 पौधे रोपे गए
पक्षी महोत्सव के कारण गिधवा-परसदा की ख्याति दूर-दूर तक

देव यादव S S न्यूज़ रिपोर्टर बेमेतरा
बेमेतरा 27 अगस्त 2021-जिले के नवागढ़ विकासखण्ड के अन्तर्गत ग्राम गिधवा-परसदा की पहचान राष्ट्रीय अन्तराष्ट्रीय स्तर पर होने लगी है जहां देश विदेश से प्रवासी पक्षी आते हैं। मेहमान पक्षियों के संरक्षण के लिए वन विभाग द्वारा आज गिधवा मे वन महोत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न प्रजाति के लगभग 800 पौधे रोपे गये जिनमें (फलदार एवं छायादार), रोड साईड एक कि.मी. एवं पक्षी वेटलैण्ड एरिया 2.00 हेक्टेयर क्षेत्र में मुख्य प्रजाति-जामुन, नीम, कचनार, कदम , पीपल, करंज, ईमली आदि का रोपण किया गया। कलेक्टर श्री विलास भोसकर संदीपान एवं वन मण्डलाधिकारी दुर्ग, जनपद पंचायत अध्यक्ष नवागढ़ श्रीमती अंजली मारकण्डे ने वृक्षारोपण किया। इस अवसर पर आस पास के पंच सरपंच एवं ग्रामीणजन उपस्थित थे। पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने एवं पृथ्वी को हराभरा बनाने के लिए वृक्षारोपण बहुत जरुरी है। वृक्षारोपण के पश्चात शासकीय मीडिल स्कूल परिसर मे वन विभाग द्वारा कार्यक्रम को आयोजन किया गया। फरवरी 2021 के प्रथम सप्ताह मे पक्षी महोत्सव मे उत्कृष्ठ कार्य करने वाले वालंटियर्स का प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मान किया गया। कलेक्टर ने कहा कि हमारी प्राचीन भारतीय संस्कृति मे मानव एवं पशु-पक्षियों के बीच सामंजस्य रहा है। अतिथि देवो भवः की मूलभावना को ध्यान मे रखकर गिधवा-परसदा के लोग मेहमान पक्षियों का स्वागत कर उनका संरक्षण करते हैं। ग्रामीणों की इस सराहनीय प्रयास की दूर-दूर तक ख्याति मिल रही है। पर्यावरण के संरक्षण एवं मानव जगत के लिए आज के समय मे वृक्षारोपण आवश्यक हो गया है। जिसके फलस्वरुप वातावरण मे इसका संतुलन बना रहता है और हमें शुद्ध प्राणवायु मिलती है। वृक्ष हमें ऋतु के अनुकूल स्वास्थ्यप्रद फल प्रदान करते हैं। इसके अलावा वृक्ष हमें शुद्ध वायु एवं ऑक्सीजन भी प्रदान करते हैं।
डीएफओ दुर्ग श्री गणवीर ने कहा कि जनवरी-फरवरी मे आयोजित हमर चिरई हमर चिन्हारी पक्षी महोत्सव की राष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान मिली इस महोत्सव को सफल बनाने मे ग्राम वासियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। श्री गणवीर ने कहा कि ठण्ड की शुरुआत होने पर विदेशी मेहमान पक्षियों का आगमन होगा। उन्हे बिना हानि पहुंचाए उनका संरक्षण हमें करना होगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री भी इस महोत्सव मे शामिल हो चुके हैं। गिधवा-परसदा जलाशय की आर्द्रभूमि (वेटलेण्ड) पक्षियों के लिए अनुकूल है। इस कारण वे शीत ऋतु मे हजारो किमी. का सफर तय कर विदेश से आते हैं। फलदार पौधे के वृक्षारोपण से आने वाले समय मे पक्षियों को अनुकूल माहौल मिलेगा। कलेक्टर एवं डीएफओ ने गिधवा जलाशय का मुआयना किया।
जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मारकण्डे ने कहा कि गिधवा परसदा मे पक्षी महोत्सव से इस अंचल को विशेष पहचान मिली है। पेड़-पोधे लगाकर हमें प्रकृति का संरक्षण करना चाहिए। बढ़ते तापमान को देखते हुए पेड़-पोधे लगाकर पर्यावरण का संरक्षण करना हमारा मुख्य उद्देश्य होना चाहिए। यदि तापमान मे कमी लाना है तो ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करना होगा। कार्यक्रम का संचालन एसडीओ वन श्री एम आर साहू ने किया। इस अवसर जनपद पंचायत सीईओ नरपत लाल साहू, बीईओ लोकनाथ बांधे, तहसीलदार नवागढ़ के आर वासनिक, प्र. तहसीलदार नांदघाट जयेश कंवर, सीएमओ नगर पंचायत मारो श्री नेताम, जप. अध्यक्ष प्रतिनिधि श्री सतीश (दद्दू) मारकण्डे, ग्राम पंचायत गिधवा के सरपंच केशव राम साहू, सरपंच परसदा राजेश कुमार साहू, सरपंच नगधा थानसिंह वर्मा सहित ग्रामवासी उपस्थित थे।

देव यादव सबका संदेश न्यूज़ रिपोर्टर नवागढ़ बेमेतरा छत्तीसगढ़ 9098647395

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