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एमबीए कॉलेज के संचालक ने अपने दो छात्रों को सोसायटी का मेंबर बनाकर किया 76 लाख रूपये का ठगी , The operator of the MBA college cheated two of his students by making them members of the society.

एजूकेशन की आड़ में रूपेश कुमार गुप्ता कर रहा है लोगों से ठगी
भिलाई। सरोज गोपाल एजुकेशनल सोसाइटी द्वारा संचालित प्रिस्म एमबीए कॉलेज के संचालक रूपेश कुमार गुप्ता ने अपने यहां के दो छात्रों को लालच देकर अपने एजूकेशन सोसायटी में रूपये इन्वेस्ट करवाकर उनसे 76 लाख 59 हजार रूपये का ठगी कर लिया। इसके अलावा वह झांसे में लेकर इनका मकान भी 1 करोड़ 90 लाख रूपये में बंधक रख दिये और वादे के मुताबिक मकान के कीमत 67 लाख रूपये का 4 प्रतिशत किराया भी नही दिया इसके अलावा 6 महिना में मकान को मुक्त करने की बात कही थी उसे भी मुक्त नही कर मकान का कागजात इन्हें नही दिया इसके सदमें में पीडि़त के पिता को हार्ट अटैक आ गया और उनकी मृत्यु हो गई।
उक्त जानकारी देते हुए पीडि़त परविंदर सिंह गांधी और जसमिंदर सिंह ने कहा कि रूपेश कुमार गुप्ता एजूकेशन की  आड़ में लोगों से ठगी का कार्य करते है, लोगों को एजूकेशन में अधिक पैसा है का झांसा देकर लोगों को पैसा लेकर उनको अपने एजूकेशन सोसायटी में मेंबर बनवाता है उसके बाद उस नाम पर वह और अधिक लालच देकर ठगी करता है। हम लोग ठगी के शिकार हुए है। हम चाहते हैं को अब और कोई ठगी का शिकार न हो। रूपेश कुमार गुप्ता ने केवल हमारे साथ ही नही बल्कि सोसायटी के सदस्य सुमित यादव और प्रदीप सिंह सहित 10-12 लोगों के साथ भी ठगी किया है।
इन्होंने  आगे बताया कि रुपेश कुमार गुप्ता ,सरोज गोपाल एजुकेशनल सोसाइटी के तहत एक एमबीए कॉलेज चलाता था। उसका कार्यालय न्यू सिविक सेंटर के शाप नं. 137 में था। यहां परविंदर सिंह और  जसमिंदर सिंह  साल 2008 में पढ़ाई करते थे। इसके कारण रुपेश से हम दोनों का परिचय था। आरोपी रूपेश ने हम दोनों को बातों-बातों में लालच देकर बताया कि आजकल एजुकेशनल एक्टीविटी में काफी पैसा है। यदि आप लोग हमारे एजुकेशनल सोसायटी के मेम्बर बन जाएं और उसमें इनवेस्ट करें तो भविष्य में काफी रकम कमाई जा सकती है। उस समय हम दोनों ने कहा कि हम कैसे रकम लगा सकते हैं। रुपेश ने कहा कि आप लोग अपने पेरेंट्स को बुलाकर लाओ, मै उन्हें समझा देता हूं । हम दोनों ने अपने पिता को रुपेश से मिलवा दिया। फिर रुपेश ने उन्हें भी लालच दिया और रूपये इनवेस्ट करने के लिए मना लिया।
जिसक कारण साल 2009 में हम दोनों के पिता ने ढाई लाख रुपए और तीन लाख अस्सी हजार रुपए रुपेश गुप्ता के बैंक अकाउंट मे जमा कर दिए। उसके बाद हम दोनों को सरोज गोपाल एजुकेशनल सोसायटी में मेम्बर बना दिया गया । परविंदर सिंह गांधी ने बताया कि बाद में उसने मेरे पिता से कहा आप अपने स्मृति नगर वाले मकान को बतौर गारंटी मुझे दे दो , मै उस पर ऋण लूंगा और आपको मकान की कीमत रुपए 67 लाख का 4 प्रतिशत किराया दूंगा और उसके 6 माह बाद कर्ज पटाकर मकान को वापस करने कहा था लेकिन मेरे पिता ने मना कर दिया उसके बाद भी बड़ी मिन्नत कर उनको मना लिया और रूपेश कुमार गुप्ता हमारे मकान को बतौर गारंटी करने के बाद उस पर 1 करोड़ 90 लाख रूपये ऋृण ले लिया एवं कीश्त का रकम नही लौटाया जिससे हमारा मकान 6 माह बाद ऋृण मुक्त कराकर हमारा मकान नही लौटाया। मेरे पिता द्वारा बार बार मकान वापस मांगने और मकान का कागज लौटाने का दबाव देने पर रूपेश कुमार गुप्ता ने 2010 एवं 2011 में एक एक स्टाम्प पर रसीद लिखकर दिया। इसी बीच सरोज गोपाल एजूकेशन सोसायटी के एक सदस्य सुमीत यादव की रिपोर्ट पर रूपेश कुमार गुप्ता गिरफ्तार होकर जेल चला गया। इसके कारण हमारे पिता को गहरा सदमा लगा कि अब हमारा मकान कैसे ऋृण मुक्त होगा। शायद अब मेरा मकान कभी ऋृण मुक्त नही होगा, इसी सदमें के कारण मेरे पिता को हार्ट अटेक हो गया जिसका इलाज अपोलो अस्पताल में हुआ। इसी दौरान रूपेश कुमार गुप्ता ने कहा कि न्यू सिविक सेंटर में एक शॉप नंबर 128 देखा हूं वह बिक रहा है, आप उसमें पैसा लगाईये और मैं भी लगाता हूं। फिर उस शॉप को बिक्री कर देंगे और आपको लगाये गये रूपये के अनुपात में आपको अच्छी कमाई हो जायेगी। मेरे पिता के पास मजबूरी में कोई और रास्ता नही था तब मेरे पिता ने 18,00,000 (अठारह लाख) रूपये रूपेश गुप्ता को दिये और रूपेश गुप्ता ने अपने पास से 40 लाख रूपये  कुल 58 लाख रूपये में शॉप नंबर 128 को खरीद लिये और बाद में इस शॉप को 1 करोड़ 20 लाख रूपये में किसी अन्य को बेंच दिये। लेकिन वादे के मुताबिक मेरे पिता को पैसे नही लौटाया और रूपये हड़प लिया जबकि कायदे से मेरे पिता को 40 लाख रूपये लौटाना था और हमारे मकान के कागजात बैंक ऋृण से मुक्त कराना था लेकिन रूपेश कुमार गुप्ता ने ना हमारे मकान को ऋृण से मुक्त कराया और ना ही मकान का किराया मेरे पिताजी को दिया। इसी प्रकार रूपेश कुमार ने अधिक धन मिलेगा ऐसा प्रलोभन देकर मेरे पिताजी से कुल 76,59,000 रूपये ठग कर अमानत में खयानत कर लिया। अब हमारे पैसे वापस मांगने पर गाली गलौच कर भगा देता है और कहता है कि जो करना  है कर लो मैं कोई पैसा नही दूंगा। इसी चिंता में मेरे पिता सुरेन्द्र सिंह की हार्ट अटैक आ गया। रूपेश कुमार गुप्ता ने भविष्य में अधिक धन राशि कमाने का प्रलोभन देकर हमारे रूपये ठग कर अमानत में खयानत किया है। इस मामले में हमने कोतवाली थाना सेक्टर 6 में इसकी शिकायत की है। जिसके आधार पर वह गिरफ्तार हुआ है। हम चाहते हैं कि हमें न्याय मिले और काई भी इनके ठगी का शिकार न हो। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।

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