फोटो अवैध शराब पड़ोसी राज्यों से लाकर की जा रही है जमकर अवैध शराब की बिक्री , Illegal liquor is being sold fiercely by bringing from neighboring states
किसी काम का नही है आबकारी विभाग, सरकार को कर देना चाहिए इसको बंद
केवल दुर्ग जिले में ही इस विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को पालने में हर महिने लाखों रूपये सरकार कर रही है खर्च
भिलाई का आबकारी विभाग बन कर रह गया है शो पीस
भिलाई। दुर्ग-भिलाई में कई माह से जमकर अवैध शराब की बिक्री की जा रही है। वह भी पड़ोसी राज्यों मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और उडि़सा से लाकर यहां इन शराब को खपाया जा रहा है। सबसे अधिक शराब तो मध्य प्रदेश का यहां खप रहा है। जिस दिन शुष्क दिवस रहता है उस दिन तो कोचियों की चांदी हो जाती है, कई दिनों की कमाई शुष्क दिवस में एक ही दिन हो जाती है, क्योंकि सरकारी शराब दुकान बंद रहने का खूब ये लोग फायदा उठा रहे हैं। शराबियों से देखने से ही पता चलता है कि शुष्क दिवस को कोई मतलब नही है। वह सुबह से ही नशे में झूमते रहते है। सरकार का आबकारी विभाग किसी काम का नही है, सरकार आबकारी विभाग के सैकड़ों अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन के पीछे हर महिने लाखों रूपये खर्च करती है लेकिन उसका कोई मतलब नही है। अब सरकार को आबकारी विभाग खासतौर भिलाई और दुर्ग का कार्यालय तो बंद ही कर देना चाहिए। क्योंकि इनकी गतिविधयों शून्य के बराबर है, इनके द्वारा कोई कार्यवाही नही होने का ही नतीजा है कि इतने बडे पैमाने पर पडोसी राज्यों का शराब यहां खप रहा है। यदि आबकारी नियम इतना कड़ा है कि यदि आबकारी विभाग चाह ले तो यहां अवैध शराब बिक्री किसी भी कीमत पर नही हो सकती है। दुर्ग-भिलाई में इतने बड़ेे पैमाने पर हो रही अवैध शराब बिक्री पर अंकुश नही लगना कई संदेहों को जन्म दे रहा है।
अवैध शराब की जानकारी यदि आबकारी विभाग को बताया जाता है तो आबकारी विभाग साफ अपना पल्ला झाडते हुए उस एरिया के थाने को सूचना देने की बात करता है और थाना को सूचना दी जाती है तो थाना ये कह कर पल्ला झाडता है कि यह आबकारी विभाग का मामला है। इससे साफ जाहिर होता है कि कहीं न कही इन दोनो का शराब कोचियों को वर्दहस्त प्राप्त है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह अवैध शराब बिक्री में कई कांग्रेसियों का भी हाथ है,जो प्रदेश में अपनी सरकार होने का पूरा का पूरा लाभ उठा रही है, पूरे सेटिँग से दूसरे राज्यों से शराब लाकर यहां खपा रहे है, और इनकी शराब कहीं भी नही पकड़ाती है।
दुर्ग आबकारी अमला तो कभी कभी खानापूर्ति कर थोड़ा बहुत अवैध शराब भले खानापूर्ति के लिए ही सही जब्त कर भी लेता है लेकिन भिलाई का आबकारी विभाग तो केवल शो पीस बनकर रह गया है, यहां के अधिकारी और कर्मचारी बैठे बिठाले चांदी काट करे है। जिले में सबसे अधिक अवैध शराब की बिक्री भिलाई में ही हो रही है। भिलाई आबकारी विभाग की गतिविधियों शून्य के समान है।
लाया जा रहा है भिलाई-दुर्ग सहित आसपास के इलाके में अवैध तरीके से पड़ोसी राज्यों से शराब लाकर खपाने की करतूत थमने का नाम नहीं ले रही है। 15 अगस्त को शुष्क दिवस के दिन शहर में मध्यप्रदेश में बिकने के लिए अधिकृत ब्रांड की शराब खूब बिकी है। तस्करों द्वारा ओडिशा व महाराष्ट्र से भी ट्रेनों के माध्यम से चोरी छिपे शराब लाकर स्थानीय स्तर पर खपाया जा रहा है।
इस मामले में स्थानीय पुलिस थोड़ी बहुत कार्यवाही कर लेती है। इसके बावजूद तस्करों के द्वारा दूसरे प्रदेशों की शराब लाकर भिलाई-दुर्ग शहरी क्षेत्र के अलावा आसपास के गांव में खपाया जा रहा है। 15 अगस्त को पुरानी भिलाई पुलिस की कार्यवाही में मध्यप्रदेश की 404 पौव्वा अंग्रेजी शराब के साथ एक आरोपी को दबोचा जाना इस बात को प्रमाणिक आधार दे रहा है। कुछ दिन पहले ही कुम्हारी पुलिस ने हरियाणा की शराब का जखीरा जब्त किया था।
बताया जा रहा है कि शहर में बिकने वाली मध्यप्रदेश की शराब का परिवहन सड़क मार्ग से हो रहा है। जबकि ओडिशा व महाराष्ट्र से ट्रेनों के जरिए शराब लाकर अवैध रूप से बेचा जा रहा है। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक शख्स का कहना है कि शराब का बड़े पैमाने पर अवैध कारोबार करने वालों के द्वारा ओडिशा के खरियार रोड और महाराष्ट्र के गोंदिया तक अपने नुमाईंदो को ट्रेन में भेजकर वहां से शराब मंगाया जा रहा है। इसके बदले में लाये गए शराब के अनुपात में बतौर कमीशन नगद भुगतान किया जाता है। बताते हैं ओडिशा व महाराष्ट्र में छत्तीसगढ़ की तुलना में शराब की कीमत काफी कम है। लिहाजा शराब के अवैध कारोबारियों को अतिरिक्त मुनाफा मिलता है।
इसी कड़ी में मध्यप्रदेश से सड़क मार्ग का इस्तेमाल कर हजारों पेटी अंग्रेजी शराब तस्करों के द्वारा लाया जा रहा है। मध्यप्रदेश में शराब का व्यवसाय ठेका पद्धति से चल रहा है। बताते हैं ठेकेदारों की आपसी प्रतिद्वंदिता के चलते तस्करों को वास्तविक से काफी कम कीमत में शराब की पेटियां उपलब्ध कराया जाता है। कम कीमत में मध्यप्रदेश की शराब लाकर भिलाई-दुर्ग में कोचियों के जरिए खपाने से अवैध कारोबारियों को काफी अधिक मुनाफा हो रहा है।
सुबह से नशे में दिखते हैं शराबी
शहर के कई ऐसे इलाके हैं जहां सुबह से ही नशे में धुत्त शराबी नजर आ जाते हैं। ऐसे इलाके में कोहका, कुरुद, घासीदास नगर, छावनी, खुर्सीपार सहि भिलाई-3 के नजदीकी पुरैना, जी केबिन व देवबलोदा विशेष रूप से शामिल है। कुम्हारी क्षेत्र के कुछ वार्डों में भी सुबह सुबह ही शराब के नशे की हालात में लोगों का नजर आना आम बात सी हो गई है। इसका मतलब साफ है कि शराब का अवैध कारोबार जमकर हो रहा है। शहर की सरकारी शराब दुकानें सुबह 9 बजे खुलती है। जबकि शराब प्रेमी सुबह 6 हजे से ही नशे में दिखने लगते हैं। यही हाल रात 10 बजे के बाद भी बना रहता है।