एसडीएम की प्रताड़ना से तंग आकर पूर्व पार्षद ने दी आत्महत्या की चेतावनी, मामला जमीन की रजिस्ट्री का

एसडीएम की प्रताड़ना से तंग आकर पूर्व पार्षद ने दी आत्महत्या की चेतावनी, मामला जमीन की रजिस्ट्री का
देवेन्द्र गोरले सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़-
डोंगरगढ- धर्मनगरी डोंगरगढ में अपनी ही जमीन से बेदखल होने का मामला प्रकाश में आया है जिसमें जमीन मालिक शासन के समक्ष अपनी गुहार लगा रहा है लेकिन शासन भी नियम कानून का पाठ पढ़ाकर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहे हैं।।
दरअसल हुआ यह कि 9 अप्रैल 2019 को जुलेखा बेगम पिता मोहम्मद कासम निवासी केलाबाड़ी दुर्ग एवं पूर्व पार्षद शेख नईमुद्दीन पिता स्व. हाजी बशीरुद्दीन निवासी डोंगरगढ के बीच डोंगरगढ उप पंजीयन कार्यालय में मुख्त्यारनामा आम संपादित हुआ जिसमें मुख्त्यारकर्ता जुलेखा बेगम ने
डोंगरगढ के नरसिंग वार्ड नं. 12 गिरधारी लाल चोपड़ा एवं असीम बंगाली के मकान के पीछे नाले से लगी खसरा नंबर 440/1 की अपने अधिकार अधिपत्य की भूमि जिसका रकबा 29 डिसमिल का मुख्त्यार ग्रहिता शेख नईमुद्दीन को आम मुख्त्यारनामा नियुक्त किया गया। इसके साथ ही जुलेखा बेगम ने पूर्व पार्षद शेख नईमुद्दीन को भूमि पर सम्पूर्ण अधिकार भी प्रदान किया लेकिन उक्त जमीन पर जुलेखा बेगम के द्वारा ध्यान नहीं देने व खाली जगह छोड़ने के कारण कुछ वर्षों से लगभग 12 से 15 मकान वहां पर बनाये जा चुके है साथ ही जमीन का कुछ हिस्सा शहर के मुख्य नाले में आ रही है ऐसी स्थिति में इतने मकानों को खाली करवाना मुश्किल है इसलिए मुख्त्यारग्रहिता शेख नईमुद्दीन ने शासन का दरवाजा खटखटाया और बिना किसी का मकान खाली करवाये कब्जाधारियों से काबिज जगह की शासन दर में रजिस्ट्री करवाने का रास्ता निकाला जिससे शासन को भी राजस्व की प्राप्ति हो।
न्याय नहीं मिलने पर एसडीएम कार्यालय के समक्ष आत्महत्या- पूर्व पार्षद व मुख्त्यारग्रहिता शेख नईमुद्दीन के द्वारा एसडीएम अविनाश भोई के समक्ष अपनी समस्या रखने पर उनके द्वारा उनकी मदद करने के बजाय नियम कानून के चक्कर में उलझाकर लंबे समय से गुमराह कर रहे हैं जबकि कब्जाधारी अपने अपने हिस्से की रजिस्ट्री करने को तैयार है उसके बावजूद केवल एसडीएम के द्वारा बेवजह मुख्त्यारग्रहिता को परेशान किया जा रहा है और अपने दफ्तर के चक्कर लगवाये जा रहे हैं कभी उनसे कहा जाता है कि हां आपकी रजिस्ट्री हो जायेगी कभी कहा जाता है कि आप प्लाट के हिसाब से रजिस्ट्री करवा लो तो कभी कुछ जिसके चलते शेख नईमुद्दीन को अपनी ही जमीन से बेदखल घूमना पड़ रहा है। जब एक जनप्रतिनिधि को एसडीएम अविनाश भोई अपने दफ्तर के इतने चक्कर कटवा सकते है तो आम आदमी को कितने चक्कर कटवाते यह बड़ी आसानी से समझा जा सकता है उनकी प्रताड़ना से तंग आकर पूर्व पार्षद शेख नईमुद्दीन ने न्याय नहीं मिलने पर एसडीएम कार्यालय के समक्ष अपनी जीवनलीला समाप्त करने की चेतावनी भी दी है।
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