लौकिक पारलौकिक उत्कर्ष की प्राप्ति तथा महामारी संकट निवारण हेतु विश्व शांति के लिए लघु रूद्र महारूद्र अतिरूद्र के क्रम से पाठ अभिषेक
कवर्धा – रुद्राभिषेक समारोह प्रारंभ श्रावण मास के पावन पर्व में धर्म नगरी कवर्धा मे पुण्यप्रदायक सर्वसिद्धिप्रद परम कल्याण कारी साम्बसदा शिव महामृत्युंजय जप आराधना महोत्सव एवं रुद्राभिषेक समारोह का आनंद मय वाता वरण मे यज्ञाचार्य पंडित श्री झम्मन शास्त्री जी महाराज के पावन सानिध्य मे वैदिक परम्परा नुसार शुभारंभ हुआ ।
यह दिव्य समारोह पुज्यपाद पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य महाभाग की पावन कृपा एवं आशीर्वाद के फलस्वरूप सनातन संस्कृति संरक्षणार्थ एवं जन कल्याणार्थ पर्यावरण शुद्धि पर्याप्त सुवृष्टी महामारी संकट निवारण हेतु 16 से 22 अगस्त तक डाक्टर गोवर्धन सिंह ठाकुर जी के संयोजकत्व में पीठ परिषद आदित्य वाहिनी आनंद वाहिनी के तत्वावधान में समस्त धर्म प्रेमी बंधुओ तथा मातृशक्ति के सद्भाव पुर्व सहयोग से समायोजित है ।इस भव्य आयोजन मे प्रातः 9/30 से 12/30 तक पंचवेदीयो मे स्थापन पुजन का कार्यक्रम तथा पार्थिव शिवार्चन रुद्राभिषेक पूजन आराधना का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ सायं सत्र मे 5 से 6/30 तक शिव सहस्त्रार्चन शिव सहस्त्र नामावली द्वारा आराधना सत्र मंगल मय वाता वरण मे आयोजित हुआ। वैदिक विद्वानो के द्वारा सुख शांति समृद्ध के साथ सर्व धर्म परायण राष्ट्र निर्माण हेतु धर्म एवं राष्ट्र जागरण के लिए जप पाठ का कार्यक्रम प्रतिदिन निर्धारित रहेगा
सायं सत्र मे आचार्य श्री पंडित झम्मन शास्त्री जी महाराज के पावन सानिध्य मे सत्संग एवं संगोष्ठीके पावन कार्यक्रम में धर्म एवं समाज कल्याण हेतू।
पीठ परिषद आदित्य वाहिनी आनंद वाहिनी संस्था के विस्तार हेतु नगर के विभिन्न वार्डो से अलग अलग दिन भक्त वृन्दो तथा जिला भर से आये 4 दिशाओ के शिष्य भक्त गणो से प्रतिदिन परस्पर संवाद स्थापित होगा ।
प्रदेश स्तर पर इस कार्यक्रम में कई जिलो से भक्त वृन्द पधारकर आनंद लाभ प्राप्त करेगे
आचार्य श्री ने भक्तो को संबोधित करते हुए ।
कहा भगवान शिव मंगल के धाम है उनके दिव्य अनुपम नाम स्मरण मात्र से जीव का कल्याण संभव है ।
सर्व अरिष्ट अमंगलो के विनाश हेतु भगवान शिव की उपासना सात्विक विधि से निश्छल भाव पूर्वक करने पर सरल साधना के द्वारा भगवत कृपा प्राप्त कर सकते है ।सकल मनोरथ की सिद्धि सुगमता पूर्वक सुलभ हो जाता है श्रावण मास भगवान शिव की उपासना हेतु सर्व श्रेयस्कर मनाया गया है।
रुद्राभिषेक का महत्व बताते हुए आचार्य श्री ने कहा सुख समृद्धि शांति तथा भक्ति मुक्ति प्राप्ति हेतु।
विविध द्रव्यों के द्वारा जलधारा दुग्धधारा घृत मधु गन्ने का रस गंगा जल तीर्थ का जल नर्मदा जल आकाश का जल मान सरोवर के जल से अभिषेक करने की प्राचीन परम्परा है।
लौकिक पारलौकिक उत्कर्ष की प्राप्ति तथा महामारी संकट निवारण हेतु विश्व शांति के लिए लघु रूद्र महारूद्र अतिरूद्र के क्रम से पाठ अभिषेक होम यज्ञ करने का विशेष महत्व है ।
अंत मे संयोजक डाक्टर गोवर्धन सिंह ठाकुर जी ने सभी सनातन धर्म प्रेमी भक्तों को प्रतिदिन कार्यक्रम मे पधारकर पुण्य लाभ प्राप्त करने की अपील की है ।
अनेक कार्यक्रम भक्त संस्था की ओर से नगरथी एवं क्षेत्र से उपस्थित थे ।
अजय ठाकुर अवधेश जी सुरेश जी भोला जी नारायण जी माऊलीशरण जी सुरेनु जी सुरज वर्मा रघुनाथ सिह ठाकुर खुमान सिंह ठाकुर कल्याण सिंह ठाकुर राम सिंह ठाकुर सेखु सिंह ठाकुर वैशाखु सिंह ठाकुर मनोज सिंह ठाकुर चुणा मनी दानी भरत केशरी
मातृशक्ति से
विमला देवि तिवारी रेखा देवी तिवारी सुशीला देवी सोनी रेणुका बाई ठाकुर गिरिजा ठाकुर रम्भा ठाकुर स्वाति ठाकुर सुहागा देवी ठाकुर प्यारी ठाकुर ।