छत्तीसगढ़
स्वच्छता पखवाड़ा स्वच्छ भारत समृद्ध पर वेबीनार सम्पन रंगगोली, चित्रकला, निबंध लेखन प्रतियोगिता एवं कविता पाठ का किया गया आयोजनMuharram’s normal, public holiday now on 20th August, Muharram’s normal, public holiday now on 20th August,
स्वच्छता पखवाड़ा स्वच्छ भारत समृद्ध पर वेबीनार सम्पन
रंगगोली, चित्रकला, निबंध लेखन प्रतियोगिता एवं कविता पाठ का किया गया आयोजन
नारायणपुर 16 अगस्त 2021- नारायणपुर जिले के कृषि महाविद्यालय एवं अनुसधान केन्द्र, नारायणपुर (छ.ग.) में स्वच्छता पखवाड़ा बीते 01 अगस्त से 15 अगस्त तक मनाया गया। इसी उपलक्ष में स्वच्छ भारत समृद्ध भारत पर वेबीनार आयोजन किया। राष्ट्रीय सेवा योजना अधिकारी एवम अधिष्ठाता डॉ रत्ना नशीने ने स्वच्छता की महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा की स्वच्छता हमारे जीवन का अभिन्न अंग है और स्वच्छता बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है, जिसे नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। हर बच्चे को अपने घर में स्वच्छता का पाठ पढ़ाया जाता है, पर इसका पालन केवल घर तक सीमित नहीं रखना चाहिये। हमें अपने आस-पास के पर्यावरण और देश के हित में भी स्वच्छता का उपयोग करना चाहिये। देश साफ रहेगा तो बीमारियां कम फैलेंगी और लोग कम बिमार पड़ेंगे, जिससे बीमारियों में देश का कम पैसा खर्च होगा और देश के विकास कि गति और बढ़ जाएगी। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वछ भारत अभियान कि शुरुआत की, जिसका मुख्य उद्देश्य देश में स्वच्छता को बढ़ाना और देश में विकास कि गति को आगे बढ़ाना है।
अधिष्ठाता डॉ रत्ना नशीने बताया की हमें बाहरी स्वच्छता के साथ-साथ आंतरिक स्वच्छता की भी आवश्यकता होती है। आंतरिक स्वच्छता का तात्पर्य हमारे आंतरिक विचारों कि शुद्धी से है। हमें अपने विचारों को साफ रखना चाहिये तथा किसी के लिए मन में द्वेश नहीं रखना चाहिये। जब कोई व्यक्ति बाहरी और आंतरिक सब तरीकों से स्वच्छ होगा, तो उस देश को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। क्योंकि हर कोइ एक दूसरे का भला चाहेगा। इस अवसर पर विभिन्न गतिविधिया आयोजित कि गई थी जैसे रंगगोली, चित्रकला, निबंध लेखन प्रतियोगिता एवं कविता पाठ का आयोजन किया गया। स्वयंसेवक कीर्ति साहू, अंगत बग्गा, वीर देवांगन, हीरालाल नाग आदि ने प्रतियोगिता मे भाग लिया। इस वेबीनार मे स्वयंसेवक एवं अधिकारीगण उपस्थित थे। शिक्षक राकेश कोशले ने छात्र और छात्राओ को स्वच्छता की शपथ दिलाई। शिक्षक निधि शर्मा, प्रकाश श्रीवास्तव, विवेक विश्वकर्मा, मनीषा धुरवे आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किया ।