खादी एवं ग्रामोद्योग के दागी रिश्वतखोर पंकज अग्रवाल के तत्कालीन अवधि में दिए गए लोन की होनी चाहिए सूक्ष्म जांच …..सामने आएंगे लेन-देन के बड़े मामले
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जांजगीर- कांग्रेस शासनकाल में अधिकारियों के द्वारा बड़े-बड़े भ्रष्टाचार एवं विभागीय कार्य के बदले मुंह खोलकर रिश्वत लिया जा रहा है किंतु बड़ी कार्रवाई नहीं हो पा रही है इसमें कुछ दिनों के सस्पेंड करने के बाद पुनः बहाली विभाग के बड़े अधिकारियों को के द्वारा ले देकर कर दिया जा रहा है, जिसकी वजह से घूसखोर रिश्वतखोर अधिकारियों के हौसले बढ़ते जा रहे हैं ज्ञात हो कि पिछले दिनों जांजगीर में ही खादी एवं ग्रामोद्योग के अधिकारी पंकज अग्रवाल के द्वारा विभागीय लोन देने की आवाज में दर्जनों ग्रामीणों से रिश्वत का मामला प्रकाश में आया था जिसे सोशल मीडिया में बकायदा वीडियो रिश्वत की मांग करते हुए वायरल किया गया था जिस पर विभागीय कार्रवाई करते हुए सस्पेंड कर दिया गया इसमें अपुष्ट खबरों से जानकारी मिल रही है कि रिश्वतखोरी के आरोपी पंकज अग्रवाल बहाली के लिए रायपुर के उच्च अधिकारियों से सेटिंग करने में लगे हैं लेकिन उच्च अधिकारियों के द्वारा पंकज अग्रवाल को बहाली नहीं किया जा रहे हैं क्योंकि मामला वास्तविक और साफ तौर पर वीडियो में देखा गया है कि दर्जनों लोगों से रिश्वत मांगा जाना पूर्णता सत्य है क्योंकि पंकज अग्रवाल कई साल से विभागीय बिलासपुर सहित जांजगीर में रहते रहे ऐसे में ना जाने कितने गरीब लोगों से रिश्वत लेकर लोन दिया गया यह अब जांच का विषय है ऐसे में उच्च अधिकारियों को पंकज अग्रवाल के तत्कालीन अवधि में दिए गए लोन धारियों से सूक्ष्म पूछताछ करनी चाहिए और पंकज अग्रवाल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई और f.i.r. होनी चाहिए।