लोगों की जिंदगी बचाने सामने आई मात्र 20 साल की युवती Only 20 year old girl came forward to save people’s life
भिलाई/ लोगों की जिंदगी बचाने के लिए दुर्ग की यूएस में इकोनोमिक्स एवं फायनेंस की पढाई कर रही मात्र बीस साल की उम्र की बेटी जसलीन कौर भाटिया बेहतरीन कार्य कर रही है। जिस उम्र में बच्चों के खेलने व मस्ती करने की उम्र होती है उस उम्र में ही वह लोगों को अपनों के खोने का दर्द समझ कर ऐसा कार्य कर रही है ताकि किसी की जान न जाये और उसके प्रयास से लोगों की जिंदगी बच सके। इसके लिए वह लोगों को ब्लड डोनेट के लिए जागरूक कर रही है ताकि लोग अधिक से अधिक ब्लड डोनेट कर सके जिससे सिकलिन,थैलेसेमिया जैसे बिमारी में बराबर ब्लड की आवश्यकता होती है और ब्लड नही मिलने के कारण कई बच्चे सहित बड़े भी दम तोड़ देते है, इसके अलावा सड़क एक्सिडेंट एवं अन्य कई प्रकार की बिमारियों में लोगों को ब्लड की बहुत ही आवश्यकता होती है और ब्लड नही मिलने के कारण लोगों की जान चली जाती है। इसलिए जसलीन ने बकायदा जसलीन केयर नाम से एक संस्था बनाकर वह लोगों को ब्लड डोनेट करने के लिए वह लोगों को जागरूक करने का कार्य कर रही है ताकि ब्लड देकर लोग स्वस्थ्य रहे और स्वयं की कई बिमारी से बचने के अलावा लोगों की जान भी बचाकर रियल हिरो बन सके। एक सवाल का जवाब देते हुए जसलीन ने कहा कि मेरे पापा का तबियत बहुत ही अधिक खराब था जिसे मुंबई में उनका इलाज हो रहा था और उनको 180 यूनिट की जरूरत पड़ी और वह इसके कारण परेशान हो गई थी कि इतनी मात्रा में वह ब्लड कहां से लायेगी लेकिन इसकी जानकारी होन पर इंडियन रेडक्रास सोसायटी ने बिना डोनेटर मांगे 180 यूनिट ब्लड दिया जिसके कारण इनके पापा हरविंदर सिंह भाटिया जो एक बिजनेस मैन है की जान बच सकी। उसी से प्रेरणा लेते हुए उन्होंने ऐसा कार्य करने की ठानी और लोगों को ब्लड डोनेट करने लिए जागरूक करने और रक्तदान शिविर लगाने के लिए इंडियन रेडक्रास सोसायटी के राज्य सलाहकार इंडियन रेडक्रास सोसायटी के सुदीप श्रीवास्तव से मिली और उनके मार्गदर्शन में इंडियान रेडकास सोसायटी और जसलीन केयर के तत्वाधान में आगामी 12 अगस्त को स्वामी स्वरूपानंद महाविद्यालय कैम्पस में सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किये है। जसलीन ने लोगों से अपील की है कि इस शिविर में आप अपने परिचित, दोस्त, परिवार एवं अन्य लोगों को ग्रुप में प्रेरित करें ताकि लोग ब्लड डोनेट करें ताकि उनके द्वारा दिये गये ब्लड से लोगों की जान बचाई जा सके। बैनर पोस्टर, सोशल साईटस में लगातार हम लोगों को जागरूक कर इस रक्तदान शिविर में पहुंचने की अपील कर रहे हैं। चूंकि भिलाई दुर्ग एक एजूकेशन हब है, यहां का युवा सदैव लोगों की मदद के लिए हमेशा आगे रहा है। मुझे उम्मीद है कि सौ से अधिक युवा हमारे इस रक्तदान शिविर में पहुंचकर स्वैच्छिक रक्तदान शिविर को सफल बनायेंगे। पत्रकारवार्ता में उनके साथ इंडियन रेडक्रास सोसायटी के राज्य सलाहकार सुदीप श्रीवास्तव, भाई कबीर भाटिया, पिता हरविंदर सिंह भाटिया भी मौजूद थे।
अमेरिकी लोगों से भारतीय भी ले सीख,
यूएस में पढाई कर रही जसलीन ने बताया कि यूएस में बिना बोले लोग इसको रूटीन में शामिल कर हर साल लोग ब्लड डोनेट करते है, यहां तक कि बडे तो बड़े मात्र 16 साल के युवा भी अपनी स्वेच्छा से माता पिता की अनुमति लेकर रक्तदान करते है। भारत में अधिकांश लोग रक्तदान करने से डरते है। भारत में मात्र 1 प्रतिशत लोग ही रक्तदान करते है, जबकि यूएस में 10 प्रतिशत लोग स्वेच्छा से रक्तदान करते है। भारत में रक्त की कमी के कारण जब भी लोगों को रक्त की आवश्यकता होती है तो ब्लड डोनेटर मांगा जाता है, जब भारतीय भी बढचढ कर रक्तदान करेगे और ब्लड बैंक में जब रक्त की कमी नही रहेगी तो बिना डोनेटर के ही यहां भी लोगों को आवश्यकता पडने पर ब्लड बैंक द्वारा ब्लड मिल सकेगा।