छत्तीसगढ़

प्रदेश अध्यक्ष श्रीनिवास पाल द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पत्रकारों को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है, मनोरंजन राय फाऊडर मेंबर छतीसगढ़ बंगाली समाज An attempt is being made to mislead the journalists by issuing a press release by the state president Srinivas Pal, Manoranjan Rai Fouder Member Chhattisgarh Bengali Samaj.

प्रदेश अध्यक्ष श्रीनिवास पाल द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पत्रकारों को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है, मनोरंजन राय फाऊडर मेंबर छतीसगढ़ बंगाली समाज।

आम सभा/ सामान्य सभा की बैठक निर्धारित स्थल एवं समय अनुसार किया जाएगा मनोरंजन राय फाउंडर मेंबर छत्तीसगढ़ बंगाली समाज।

जगदलपुर – बंगाली समाज प्रदेश अध्यक्ष श्रीनिवास पाल द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति जारी किया गया है, विज्ञप्ति के विरुद्ध समाज के कोर कमेटी सदस्य एवं आजीवन सदस्यों का आपत्ति है।
कथित प्रेस विज्ञप्ति में श्रीनिवास पाल द्वारा कहा गया है कि 10 अगस्त 2021 को कुछ दैनिक समाचार पत्रों में प्रदेश अध्यक्ष श्रीनिवास पाल के विरुद्ध प्रेस विज्ञप्ति जारी किया गया है प्रेस विज्ञप्ति जारी करने वाले तत्कालीन प्रदेश महासचिव श्री सुब्रतो विश्वास छत्तीसगढ़ बंगाली समाज इनके द्वारा वर्ष 2012 से वर्ष 2015 तक छत्तीसगढ़ रजिस्ट्रेशन अधिनियम 1973 के छत्तीसगढ़ बंगाली समाज के पंजीयन नियमावली नियम 17 के तहत लेखा जोखा ऑडिट रिपोर्ट वर्ष 2012 से लेकर 2015 तक साधारण सभा का बैठक आयोजित नहीं किया गया जोकि कथित अध्यक्ष द्वारा लगाए गए सारे आरोप निराधार एवं बेबुनियाद है।
मामले में तत्कालीन महासचिव सुब्रतो विश्वास ने श्रीनिवास पाल को करारा जवाब देते हुए कहा कि जब संगठन के रजिस्ट्रेशन के बाद मनोनयन करते हुए उन्हें महासचिव बनाया जिसके बाद कथित प्रदेश अध्यक्ष श्रीनिवास पाल ने स्वयं ही बिलबुक एवं रशीद छपवा कर अपने पास ही रख लिया। जिसके बाद वे छत्तीसगढ़ बंगाली समाज में अपने मन मुताबिक कार्य कर रहे थे, उन्होंने किसी भी समाज के सदस्य या पदाधिकारी को बिल-वाउचर या रसीद बुक नहीं दिया समाज के नाम से बैंक में पासबुक भी बनाया गया परंतु उस पासबुक से आज तक तत्कालीन महासचिव ने कोई भी कार्य के लिए एक भी रुपया आहरण नहीं किया, उस दौरान प्रदेश अध्यक्ष द्वारा समाज से संबंधित में ऑडिट या लेखा-जोखा हेतु सामान्य सभा या बैठक नहीं बुलाया गया था। हिसाब किताब के संबंध में समाज के सदस्यों अथवा पदाधिकारियों को प्रदेश अध्यक्ष द्वारा कोई भी दिशा निर्देश नहीं दिया गया कुछ समय पश्चात श्रीनिवास पाल के हिटलर शाही तरीके एवं विचारों से मेल ना होने की वजह से संगठन से दूरी बना लेना ही उचित समझा। श्रीनिवास पाल द्वारा सुब्रतो विश्वास के ऊपर लांछन लगाने के बाद सवाल यह भी उठता है कि जब सुब्रतो द्वारा संगठन विरुद्ध कार्य किया गया होता तो उन्हे दोबारा छत्तीसगढ़ बंगाली समाज का संभागीय अध्यक्ष क्यों बनाया गया?
इससे यह स्पष्ट होता है कि कथित अध्यक्ष श्रीनिवास पाल अपने आप को बचाने के लिए सज्जन व्यक्ति के ऊपर कीचड़ उछाल रहे हैं।

*समाज के फाउंडर मेंबर एवं आजीवन सदस्यों द्वारा 16 अगस्त 2021 को बैठक बुलाया गया है, जो की निर्धारित समय एवं तारीख में यथावत रहेगा।*
कथित अध्यक्ष श्रीनिवास पाल द्वारा यह भी आरोप लगाया गया है, कुछ समाचार पत्रों में दिनांक 16 अगस्त 2021 में विज्ञप्ति जारी कर समाचार प्रकाशित किया गया है, उनके द्वारा कथित विज्ञप्ति में यह भी लिखा गया है कि असामाजिक तत्वों द्वारा बंगाली समाज के प्रदेश अध्यक्ष को बदनाम करने के उद्देश्य से यह बैठक आयोजित किया गया है। इस संबंध में आपको बता दें कि यह बैठक छत्तीसगढ़ बंगाली समाज के कोर कमेटी के सदस्य एवं आजीवन सदस्यों द्वारा बंगाली समाज के उत्थान एवं कथित अध्यक्ष श्रीनिवास पाल द्वारा समाज के सदस्यों के साथ दुर्व्यवहार को लेकर रखा गया है। और उनकी जानकारी के लिए यह स्पष्ट किया जाता है कि असामाजिक तत्व नहीं बल्कि बंगाली समाज का भला चाहने वाले कर्मठ सदस्यों द्वारा यह बैठक का आयोजन रखा गया है।

*छत्तीसगढ़ बंगाली समाज के फाउंडर मेंबर एवं आजीवन सदस्यों द्वारा श्रीनिवास पाल से प्रश्न है?*
श्रीनिवास पाल द्वारा अकेले ही पदाधिकारी एवं सदस्यों से सलाह मशवरा करे बगैर निर्णय लेकर प्रेस विज्ञप्ति जारी करना क्या न्याय उचित है? श्रीनिवास पाल द्वारा यह भी एक प्रकार से बंगाली समाज को बदनाम करने का घृणित एवं असामाजिक कृत्य है। जिस पर बंगाली समाज के वरिष्ठ जन एवं बंगाली समाज में आक्रोश देखा जा रहा है।

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