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कई रोगियों के लिए जीवनदायिनी बना जेएलएन अस्पताल का सामान्य सर्जरी विभाग General Surgery Department of JLN Hospital became life-saving for many patients

भिलाई/ कुछ मिनटों तक चलने वाली साधारण सर्जरी से लेकर पांच घंटे तक चलने वाले अग्नाशय के कैंसर को हटाने जैसी बड़ी सर्जरी, लैप्रोस्कोपी प्रक्रियाओं के माध्यम से पित्ताशय की पथरी को हटाने और दुर्घटनाओं के मामले में आघात और आपातकालीन सर्जरी जैसी विशेष सर्जरी तक,भिलाई इस्पात संयंत्र के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल और अनुसंधान केंद्र के सामान्य सर्जरी विभाग द्वारा अंजाम दिया गया जिसके फलस्वरूप कई मरीजों को नया जीवन मिला है। कर्मचारियों, उनके आश्रितों, पूर्व कर्मचारियों के साथ-साथ निजी रोगियों के सर्जरी करने हेतु दो उत्कृष्ट ऑपरेशन थिएटर उपलब्ध है और कोविड रोगियों के लिए एक विशेष कोविड ऑपरेशन थिएटर का संचालन किया जा रहा है जहां छोटी-बड़ी सर्जरी के साथ विशेष सर्जरी भी की जाती है।

जनरल सर्जरी विभाग की समर्पित टीम को एचओडी एवं एडीशनल सीएमओ, डॉ सुमंत मिश्रा के नेतृत्व में संचालित किया जा रहा है। इस कुशल टीम में शामिल है यूनिट हेड व अतिरिक्त सीएमओ, डॉ के एच रमेश, चीफ कंसल्टेंट, डॉ मनीष देवांगन व डॉ पराग गुप्ता, सिनियर कंसल्टेंट, डॉ धीरज शर्मा, कंसल्टेंट डॉ कमल सिंह कंवर, सलाहकार और 7 डीएनबी डॉक्टर्स। इसके अतिरिक्त सर्जरी विभाग में सहयोग हेतु ओटी स्टाफ, वार्ड सिस्टर्स और अटेंडेंटस् की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ये टीम ईडी (एम एंड एचएस), डॉ एस के इस्सर, सीएमओ (एम एंड एचएस) द्वय डॉ रवींद्रनाथ और डॉ प्रमोद बिनायके के मार्गदर्शन में अपने कार्यों को अंजाम देती आ रही है।
उनकी विशेषज्ञता और प्रतिष्ठा को देखते हुए, टाउनशिप और आसपास के क्षेत्रों में और साथ ही आसपास के क्षेत्रों के दुर्घटना पीडि़तों को अक्सर आघात और आपातकालीन सर्जरी के इलाज के लिए जेएलएन अस्पताल ले जाया जाता है। जेएलएन अस्पताल के सामान्य सर्जरी विभाग की टीम रोगी के जीवन बचाने तथा उन्हें ठीक करने में कोई कसर नहीं छोड़ती है।

सामान्य सर्जरी विभाग अस्पताल के प्लास्टिक सर्जरी, न्यूरो ट्रॉमा और यूरोलॉजी जैसे विभिन्न अन्य विभागों के साथ तालमेल बैठाकर काम करता है। उपचार प्रक्रिया की योजना और निष्पादन से, रोगी की पूर्व और पश्चात की देखभाल के दौरान परिवार के सदस्यों को परामर्श, या देखभाल करने वालों को सलाह और सुझाव प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
जेएलएन अस्पताल का सामान्य सर्जरी विभाग प्रतिवर्ष लगभग 200 से अधिक पित्ताशय की सर्जरी, 175 इंज्यूनल हार्निया सर्जरी, 70 वेंट्रल हार्निया सर्जरी, 75 एपेंडिक्स सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दे रहा है। मिनिमल एक्सेस सर्जरी (एमआईएस) या लेप्रोस्कोपिक सर्जरी आजकल एक पसंदीदा विकल्प बन चुका है। सामान्य सर्जरी विभाग में 1999 से लेप्रोस्कोपिक सर्जरी करना शुरू किया गया था और पिछले दो वर्षों से उन्नत लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की जा रही है।

89 वर्षीय हेमरॉन, जो 1963 में बीएसपी में शामिल हुए और 1997 तक अपनी सेवाएं जारी रखीं, उन्हें गंभीर पीली आंखों की शिकायत से पहले कोई सह-रुग्णता नहीं थी। उनका बिलीरुबिन का स्तर खतरनाक स्तर 25 तक पहुंच चुका था। उनके ऊपरी दाहिने पेट के अल्ट्रासाउंड और सीटी का संचालन करने के बाद, उन्हें पित्त नली में टाइप 1 क्लैट्सकिन ट्यूमर का पता चला। जिसका साइज 19 बाई19 मिमी था। इस गंभीरता से निपटने हेतु उनका अत्यंत सावधानी और विशेषज्ञता के साथ ऑपरेशन किया गया। हेमरॉन इस बीमारी से पहले कभी अस्पताल में भर्ती नहीं हुए थे और दुर्ग में अपने घर के पास शिवनाथ नदी में मछली पकडऩे के अपने शौक को पूरा करते हुए सक्रिय जीवन जी रहे थे, वे अपनी युवावस्था के दौरान फुटबॉल, हॉकी, वॉलीबॉल और शतरंज खेलना याद करते हैं। 89 वर्षीय हेमरॉन कहते हैं कि इस उम्र में उनके शरीर के प्रतिकूलताओं से निपटने में डॉक्टरों ने बेहद मदद की। मैं जेएलएन अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सों के सेवा और समर्पण के प्रति सदा आभारी रहूंगा। अगर वे किसी निजी अस्पताल में अपना इलाज कराते तो उन्हें इस सर्जरी में लगभग 10-12 लाख रूपये खर्च आता।

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