छत्तीसगढ़

इन दिनों बाज़ार में आ रहे रंग-बिरंगे मशरूम आपकी सेहत तक बिगाड़ सकते है, सोच-समझ कर खाएं.

इन दिनों बाजारों में विभिन्न प्रकार के मशरूम लोगों को लुभा रहे हैं और लोग इन्हे मुंहमांगे दाम पर खरीद भी रहे हैं। इधर चिकित्सकों ने लोगों को सोच- समझ कर इस मौसम में जंगल में उगने वाले मशरूम खाने की सलाह दी है। इनका कहना है कि आमतौर पर भड़कीले रंग के मशरूम विषैले होते हैं, इसलिए जानकारी के बगैर किसी भी मशरूम को न खरीदें।

गांवों के हाट बाजारों से लेकर शहर के संजय मार्केट में साल बोड़ा, बांस छाती, जाम छाती, पैरा छाती, भुड़ु छाती आदि नामों से कई प्रकार के मशरूम बिक रहे हैं। सबसे ज्यादा मांग साल बोड़ा की है और इसे 50 से 70 रुपये प्रति सोली की दर से लोग खरीद भी रहे हैं। इसके अलावा बड़े आकार के जाम छाती के ढेर भी नजर आ रहे हैं। इन्हें ग्रामीणों के साथ शहरवासी भी काफी खरीद रहे हैं।

साप्ताहिक बाजार होने के कारण इतवारी और संजय बाजार में सफेद और पीले रंग के मशरूम भी बिक रहे हैं। इन्हें आमतौर पर जानकार लोग ही खरीद रहे हैं। इधर महारानी अस्पताल के डॉ विवेक जोशी बताते हैं कि मशरूम या बोड़ा विशेष प्रकार के कुकुरमुत्ते हैं। जंगलों में विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों के बीच बारिश के दिनों में उपजने वाले अधिकांश मशरूम विषाक्तता लिए होते हैं। इसलिए किसी भी मशरूम को खरीद कर खाना महंगा पड़ सकता है।

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