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निगम और मंडलों में अध्यक्ष पदों सहित अन्य पद हथियाने अनेक नेता सक्रिय

मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियो को रिझाने में लगे है दावेदार

भिलाई। राज्य शासन की ओर से निगम व मंडलों में होने वाली नियुक्ति के लिए भिलाई-दुर्ग से भी अनेक कांग्रेस नेताओं की दावेदारी चर्चे में है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नये अध्यक्ष की ताजपोशी के बाद ऐसे दावेदारों की राजनीतिक सक्रियता बढ़ गई है। अपनी दावेदारी को अंजाम तक पहुंचाने मुख्यमंत्री से लेकर जिले से ताल्लुक रखने वाले मंत्रियों को रिझाने की कोशिश जारी है।

लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद से निगम- मंडलों में नियुक्ति को लेकर रह-रह कर हो रही चर्चा एक बार फिर उफान पर आ गई है। शीघ्र ही नियुक्ति होने के मिल रहे संकेत के बाद भिलाई-दुर्ग से भी निगम और मंडल में पद हथियाने कांग्रेस नेताओं की अंदरुनी सक्रियता इन दिनों खासा सुर्खियों पर है। इसके लिए दावेदारों के द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ ही जिले के प्रभारी मंत्री मो. अकबर और गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू व पीएचई मंत्री गुरु रुद्र कुमार से मिलकर अपनी इच्छाा व्यक्त किए जाने की खबर है।

गौरतलब रहे कि कुछ दिन पूर्व ही यह खबर छनकर आई थी कि निगम और मंडलों में विधायकों को पद नहीं दिए जाएंगे। इसके बाद से विधानसभा चुनाव में टिकट के दावेदार रहे कांग्रेस नेताओं में नई उम्मीद जाग उठी है। ऐसे नेताओं को भरोसा है कि विधानसभा चुनाव में उनकी प्रबल दावेदारी के बावजूद टिकट नहीं दिए जाने पर बिना किसी नाराजगी के पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में निष्ठा के साथ काम करने का ईनाम निगम मंडल में पद के माध्यम से मिलेगा।

यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि दुर्ग जिले की छह में केवल दो विधानसभा पाटन और दुर्ग शहर में ही टिकट को लेकर कांग्रेस पार्टी के अंदर कोई मतभेद या खींचतान की नौबत नहीं आई थी। इसके विपरीत दुर्ग ग्रामीण, भिलाई नगर, वैशाली नगर और अहिवारा में कांग्रेस टिकट के लिए एक से अधिक दावेदार थे। अब टिकट से वंचित रहे नेता निगम मंडलों में पद लेकर सत्ता के नजदीक जाने का सपना संजाए हुए हैं।

बताया जाता है कि निगम और मंडल में होने वाली नियुक्ति को लेकर दावेदारों की सबसे ज्यादा संख्या भिलाई नगर और वैशाली नगर विधानसभा से हैं। इसके बाद अहिवारा व दुर्ग ग्रामीण से भी कुछ दावेदारों की कोशिश खुद को निगम- मंडल में एडजस्ट कराने की है। पाटन विधानसभा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का निर्वाचन क्षेत्र है और यहां से दावेदारी के बजाए स्वयं मुख्यमंत्री की इच्छा से किसी को निगम- मंडल में पद दिए जाने की संभावना बनी हुई है। काफी हद तक दुर्ग शहर में भी वोरा परिवार की सहमति से ही फैसला संभावित होने से इंकार नहीं किया जा रहा है।

दुर्ग नगर निगम का चुनाव भी इसी वर्ष दिसंबर में होने वाला है। पिछले चुनाव में यहां का महापौर पद महिला मुक्त था। इस बार महिला के विकल्प को छोड़ अन्य पिछड़ा वर्ग मुक्त अथवा अनारक्षित होना तय है। ऐसे में महापौर पद के टिकट में विचार किए जाने का भरोसा देकर निगम मंडल के दावेदारों को संतुष्ट किया जा सकता है।

एल्डरमेन पद के लिए भी घमासान

निगम मंडलों के साथ ही नगरीय निकायों में सरकार गठन के बाद से रिक्त एल्डरमेन के पदों को भी नई नियुक्ति से भरा जाना है। इसके लिए भी कांग्रेस नेताओं में घमासान मची हुई है। हालांकि कुछ दिन पूर्व चर्चा थी कि जिले के सभी निकायों में एल्डरमेन के नाम तय कर नगरीय प्रशासन विकास विभाग को भेजा जा चुका है। लेकिन औपचारिक घोषणा नहीं होने से दावेदारो की सक्रियता बनी हुई है। निगम मंडलों में जहां राजनीतिक पद में बड़े माने जाने वाले नेताओं की दिलचश्पी दिख रही है वहीं एल्डरमेन के लिए बूथ स्तर के नेताओं के बीच घमासान मचा हुआ है।

 

 

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