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क्या 300 से ज्यादा पेड़ की बलि पर होगा 3 से 4 मीटर सड़क का चौड़ीकरण

क्या 300 से ज्यादा पेड़ की बलि पर होगा 3 से 4 मीटर सड़क का चौड़ीकरण … जिला कलेक्टर भूरे जी की अनुमति के बाद काटे जायेंगे गौरवपथ के सैकड़ो पेड़

दुर्ग निगम की कार्य प्रणाली जितनी ही पेचीदा है, उतनी ही भ्रष्टाचार के दलदल में डूबी हुई है . दुर्ग निगम के द्वारा कोई भी कार्य बिना विवाद और भ्रष्टाचार के ख़त्म हो ऐसा शायद ही हुआ हो, वही दुर्ग निगम में व्यापत भ्रष्टाचार की शिकायतों पर जिले के किसी भी जिलाधीश ने कोई ख़ास दिलचस्पी दिखाई हो ऐसा सुनने में कम मिला है . ये दुर्ग शहर वासियों की बदकिस्मती है की दुर्ग निगम के अधिकारियों द्वारा किसी भी कार्य की रुपरेखा बनाई तो जाती है किन्तु इससे शहर वासियों को कोई फायदा हो कम ही नजर आता है . कई बड़े बड़े प्रोजेक्ट दुर्ग निगम ने तैयार किये किन्तु यहाँ के इंजीनियरों की दूरदर्शीता का ही नतीजा है की अधिकतर प्रोजेक्ट विवादित और राजस्व को क्षति पहुँचाने वाले रहे है . पूर्व में किये गए कई कार्य ऐसे है जो गवाही देते नजर आते है कि इससे निगम प्रशासन को नुक्सान हुआ है और जनता को परेशानियों का सामना करना पडा है .

अगर वर्तमान की बात करे तो दुर्ग में एक मात्र गौरव पथ ही ऐसा मार्ग है जो सुन्दरता के साथ साफ़ और चौड़ा भी नजर आता है . वो भी तब जब इसके फुटपाठ पर ठेले वालो का फल वालो का कब्ज़ा है , समृद्धि बाजार की पार्किंग के जगह आम जनता सड़क पर वाहन खड़ी करती है जिससे इस मार्ग की सुन्दरता तो ख़त्म होती है साथ ही दुर्घटना की संभावना भी बनी रहती है . बावजूद इसके इस मार्ग पर जेल चौक से गाँधी चौक तक सड़क के दोनों ओर फुटपाथ पर सैकड़ो से ज्यादा पेड़ है,  जो हरियाली के साथ शुद्ध वातावरण का अहसास कराते है, लेकिन अब इस मार्ग की हरियाली पर ग्रहण लगाने दुर्ग निगम इसी मार्ग पर चौडीकरण की गाज गिराने 14 वे वित्त आयोग की राशि से ( लगभग साढ़े चार करोड़ ) से चौडीकरण की निविदा निगम प्रशासन ने निकाल दिया है ! .

बता दे कि 14 वे वित्त आयोग की राशि शेष थी जिसे उपयोग करने के लिए निगम के काबिल और समझदार इंजीनियरों की टीम ने गौरव पथ मार्ग को 40 फीट से 5 फीट और चौडीकरण का प्रस्ताव बनाया है जिसकी चपेट में लगभग 300 से भी ज्यादा हरे भरे घने वृक्ष आ रहे है जिसको काटकर सड़क का चौड़ीकरण किया जाएगा, निविदा निकल चुकी है करोडो के कार्य की निविदा में भ्रष्टाचार की दुर्गन्ध पहले ही उठ चुकी है किन्तु इस दुर्गन्ध से बड़ी त्रासदी यह है की एक साफ़ सुथरी और चौड़ी सड़क की चौड़ाई सिर्फ कुछ फीट चौड़ी करने के लिए सैकड़ो हरे भरे वृक्ष कट जायेंगे, जबकि वर्तमान में इस मार्ग में उतना ज्यादा यातायात नहीं है कि जिसके कारण गौरव पथ जो दुर्ग की आज भी पहचान बनी हुई है उसे ख़त्म किया जाए !

इस मार्ग के कार्य की निविदा निकल चुकी है अब फैसला जिले के कलेक्टर महोदय को करना है की सड़क के चौडीकरण के लिए क्या 300 से ज्यादा पेड़ों की बलि देने की अनुमति देंगे या फिर राजेन्द्र पार्क से ग्रीन चौक जैसे व्यस्त मार्ग के चौडीकरण में इस राशि का उपयोग करेंगे . वर्तमान में राजेन्द्र पार्क से ग्रीन चौक मार्ग व्यस्त मार्ग है और सड़क चौडीकरण की आवश्यकता इस मार्ग को ज्यादा है किन्तु आम जनता सिर्फ विचार रख सकती है फैसला उन अधिकारियों को लेना है जिनके द्वारा पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रतिवर्ष करोडो पौधे लगाने की बात कही जाती है , फैसला उन जनप्रतिनिधियों को लेना है जो साल में एक दो बार पर्यावरण पर ज्ञान की बात करने जनता के बीच उपस्थित होते है , फैसला उन सामाजिक संस्था को लेना है जो पेड़ लगाओ जीवन बचाओ के नारे लगाते है आम जनता तो सिर्फ इनके फैसले को मानने पर मजबूर है …

बच सकते है सैकड़ो पेड़ किन्तु निगम प्रशासन को उठाने होंगे कड़े कदम …

गौरव पथ मार्ग की चौड़ाई वर्तमान स्थिति में कम नहीं है . अगर निगम प्रशासन गौरव पथ के फुटपाथ पर व्यापार करने वालो पर प्रतिबन्ध लगा दे, जिनकी संख्या टेम्पो स्टैंड से जेल चौराहे तक सैकड़ो तादात में है तो मार्ग में यातायात कभी बाधित नहीं होगा, वही समृद्धि बाज़ार और पटेल काम्प्लेक्स के व्यापारियों के लिए पार्किंग की समुचित व्यवस्था कर दे एवं सड़क पर वाहन खड़ा करने वालो पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए तो मार्ग की सुन्दरता और बढ़ जायेगी किन्तु इसके लिए सिर्फ इच्छा शक्ति की आवश्यकता है जिसका इंतज़ार शहर की जनता को भी है …

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