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वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक सम्पन्न Scientific advisory committee meeting concluded

दुर्ग/ कृषि विज्ञान केन्द्र, अंजोरा द्वारा वैज्ञानिक सलाहकार समिति की 14वीं बैठक गत दिवस आनलाइन माध्यम से आयोजित की गई। बैठक डा. एस.पी. इंगोले प्रभारी कुलपति एवं अधिष्ठाता, पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, बिलासपुर के उपस्थिति में सम्पन्न हुई। डा. आर.पी. तिवारी, निदेशक विस्तार शिक्षा, दाऊ वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय, दुर्ग कार्यक्रम के अध्यक्ष थे। बैठक का आयोजन समिति के सदस्य सचिव डा. विकास खुणे, कार्यक्रम समन्वयक, कृषि विज्ञान केन्द्र, अंजोरा द्वारा किया गया। बैठक में कार्यक्रम समन्वयक द्वारा केवीके का वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन 2020 एवं वर्ष 2021 की कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण किया गया।

मुख्य अतिथि ने कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा वैज्ञानिक पद्धति द्वारा पशुपालन विषयों का प्रशिक्षण देने, उन्नत चारा किस्मों को कृषकों के प्रक्षेत्र में तैयार करवाने। साथ ही बटेर पालन को प्रोत्साहित किये जाने का सुझाव दिया। डा. आर.पी. तिवारी, निदेशक विस्तार शिक्षा ने प्रक्षेत्र में पाम पेड़ों को लगाने तथा पशुओं में कम लागत के परजीवी नियंत्रण पर कार्य करने की आवश्यकता बताई। डाॅ जितेन्द्र सिंह, अधिष्ठाता, उद्यानिकी महाविद्यालय, राजनांदगांव ने अपने सुझाव में शकरकंद, करमता भाजी एवं मुनगा को किसानों के बाड़ी में लोकप्रिय करने की आवश्यकता बताई। डा. किशोर मुखर्जी, प्राध्यापक, पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय अंजोरा ने गांवों में योजनाओं द्वारा वितरित मुर्गी, बकरी आदि का डाटा तैयार करने पर बल दिया। अन्य सदस्यों में दुर्ग जिले के जिला परियोजना अधिकारी, नाबार्ड, उपसंचालक पशुचिकित्सा सेवाएं, उपसंचालक उद्यानिकी ने अपने सुझाव प्रस्तुत किये। प्रगतिशील पशुपालक ग्राम भरदा के नोवेश्वर ने ओस्मानाबादी बकरी प्रक्षेत्र के अनुभव साझा किये। इस अवसर पर विश्वविद्यालय जनसंपर्क अधिकारी डा. दिलीप चैधरी भी वर्चुवल उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन नोडल प्रभारी डा. निशा शर्मा तथा आभार प्रदर्शन डा. एस.के. थापक ने किया।

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