छत्तीसगढ़

निर्माणाधीन कालेज भवन की धीमी रफ्तार से विद्यार्थियों को शासन की योजना का लाभ नहीं

सबका संदेश न्यूज़ छत्तीसगढ़ मुगेली- शासकीय नवीन महाविद्यालय फास्टरपुर सेतगंगा का निर्माणाधीन कॉलेज शासन, प्रशासन की उदासीनता एवं ठेकेदार के द्वारा कछुए चाल में की जा रही भवन निर्माण के कारण आज पर्यन्त अधर में है। इसके कारण बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को शासन की योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। इन दिनों उधार के भवन में लगाए जा रहे कालेज में छात्र-छात्राओं को सुविधाएं नहीं मिलने से आक्रोशित है। इसे लेकर उनके पालकों एवं विद्यार्थियों ने शासन-प्रशासन से कालेज भवन का निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण कराए जाने की मांग की है।

सेतगंगा फास्टरपुर क्षेत्र अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग बाहुल्य क्षेत्र है। क्षेत्र एवं समाज में शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से फास्टरपुर सेतगंगा में 22 जुलाई 2013 को तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का सेतगंगा प्रवास के समय महाविद्यालय की शिलान्यास की गई थी। यहां शासकीय उमा शाला फास्टरपुर, शासकीय माध्यमिक विद्यालय कुंडा, शासकीय उमा विद्यालय कोसमतरा, रवींद्र भारती विद्यालय मदनपुर सेतगंगा, शासकीय उमा शाला छटन सहित दामापुर, कुंडा, मुंगेली के छात्र-छात्राएं यहां पढ़ने आते हैं। वर्तमान मे महाविद्यालय में बीए, स्नातक, बीकाम, बीएससी की कक्षाएं संचालित हो रही है। नए शैक्षणिक सत्र से स्नातकोत्तर की भी कक्षाएं संचालित की जानी थी लेकिन उधारी के भवन एवं बैठक व्यवस्था सुदृढ़ नहीं होने के कारण स्नातकोत्तर की कक्षाएं संचालित नहीं की जा रही है। 2014 में शासन से भवन निर्माण के लिए दो करोड़ 28 लाख रुपये राशि स्वीकृत की गई थी। पीडब्ल्यूडी मुंगेली द्वारा टेंडर जारी कर जांजगीर-चांपा के ठेकेदार को भवन निर्माण का टेंडर दिया गया था। भवन 2015-16 तक पूर्ण अवधि की तिथि तय की गई थी। लेकिन शासन, प्रशासन की उदासीनता एवं ठेकेदार के द्वारा कछुए की चाल मे की जा रही भवन निर्माण के कारण आज पर्यन्त भवन निर्माण कार्य अधर में है। एक ओर शासन द्वारा उधा शिक्षा में नए-नए प्रयोग करने की चर्चा की जाती है।किंतु एक भवन को पिछले पांच वर्ष में भी पीडब्ल्यूडी विभाग तैयार नहीं की गई है इसे अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया है। ग्रामीणों ने बताया कि उल्लेखनीय है कि पीडब्ल्यू विभाग में एसडीओ से लेकर सभी इंजीनियर एवं अधिकारी-कर्मचारी मुख्यालय में नहीं रहकर दूसरे जिले से आना-जाना करते हैं। इन अधिकारियों के कार्यालय में उपस्थित नहीं होने से इनके कार्यों का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की मौन सहमति के चलते विभाग के अधिकारी कर्मचारी अपनी मनमर्जी के अनुसार कार्य करते रहते हैं। महाविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को मूलभूत समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। लेकिन शासन-प्रशासन को छात्र-छात्राओं की भविष्य की कोई चिंता नहीं है। प्रबुद्घ वर्गों के द्वारा महाविद्यालय भवन की शीघ्र निर्माण के लिए शासन-प्रशासन से अनेकों बार गुहार लगाई जा चुकी है। पंरतु आज पर्यन्त शासन-प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं की है।

महाविद्यालय भवन के ठेकेदार को शीघ्र कार्य पूर्ण करने के लिए बोला गया है। समय पर कार्य पूर्ण नहीं होने पर ठेकेदार को पेनाल्टी भुगतना पड़ेगा।

एच अहिरवार, कार्यपालन अभियंता, पीडब्ल्यूडी मुंगेली

 

 

 

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