छत्तीसगढ़

जस सम्राट दिलीप षडंगी कबीरधाम के कलाकारों के बीच में Jas Samrat Dilip Shadangi among the cast of Kabirdham

।। जस सम्राट दिलीप षडंगी कबीरधाम के कलाकारों के बीच में।।

।। कवर्धा न्यूज़ ।।

।। छत्तीसगढ़ के कलाकारों के प्रतिभा को निखारने के दृष्टिकोण से लोक कलाकार दिलीप षडंगी जस सम्राट संगठन संरक्षक व प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस सांस्कृतिक प्रकोष्ठ छत्तीसगढ़ के द्वारा कबीरधाम के लोक कलाकारों का मिलन समारोह आयोजित किया गया। जिसमें छत्तीसगढ़ प्रदेश लोक कलाकार कल्याण संघ का प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी एवं जिला पदाधिकारियों का बैठक में सम्मान समारोह भी किया गया। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के समस्त कलाकारों को काम देने, सरकारी सहायता उपलब्ध कराने, पहचान पत्र प्रदान कराने एवं कलाकारों के मान सम्मान और अनुदान राशि पर व्यापक विचार विमर्श किया गया। इसके पूर्व लोक कलाकार छत्तीसगढ़ प्रदेश के संगठन के संरक्षक व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप षडंगी का जिला कबीरधाम के कलाकारों के द्वारा भव्य स्वागत किया गया। अपने उद्बोधन में षड़ंगी ने कहा कि वे स्वयं कलाकार परिवार संगठन से जुड़ कर बहुत खुश है एवं हमेशा मिलकर काम करते रहे हैं, आज कोरोनावायरस के कारण बेरोजगारी हैं, लोक संस्कृति को बचाए रखने के लिए कलाकारों को शासकीय सहायता मान सम्मान की आवश्यकता है संगठन की मांग तथा समस्याओं को लेकर प्रदेश मुख्यमंत्री से मिलकर अति शीघ्र निराकरण कराए जाने की बात कही। प्रदेश लोक कलाकार कल्याण संघ के स्लोगन नारा जय जोहार,, जय कलाकार,, को सुनकर, बोलकर दिलीप षडंगी बहुत खुश हुए एवं इसकी सार्थक अर्थ के लिए कबीरधाम के कलाकारों को बधाई दी। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता गुरु दास मानिकपुरी अध्यक्ष छत्तीसगढ़ प्रदेश लोक कलाकार कल्याण संघ, विशिष्ट अतिथि महंत लीलाधर दास, श्रीमती किरण भारती प्रदेश उपाध्यक्ष साथ ही हृदय आनंद प्रदेश सचिव, भगत गुलेरी, रज्जू मनचला, निशा चौबे, प्रेमानंद चौहान, लक्ष्मी करियारे, गजेंद्र गांगुली, भालचंद्र साहू, भागवत कश्यप, आशा कौशिक, मेघराज वर्मा, आत्माराम जोशी, प्रमोद कुमार चंद्रसेन, सदाराम साहू, सुदर्शन चंद्रवंशी, सूरज श्रीवास, कृष्णा रात्रे साथ ही साथ छत्तीसगढ़ के लगभग 10 जिला से आए हुए लोक कलाकार कल्याण संघ के पदाधिकारी कार्यक्रम में उपस्थित रहकर कार्यक्रम को सफल बनाएं इसके आयोजन में जिला कबीरधाम के बोड़ला पंडरिया लोहारा एवं कवर्धा के कलाकारों का विशेष योगदान रहा दिलीप षडंगी अपने उद्बोधन में इस बात का भी जिक्र किया कि वे कबीरधाम के कलाकारों के बीच पहुंचकर इस कार्यक्रम में सम्मान को प्राप्त कर किसी स्वर्ग की अनुभूति कर रहे हैं। उन्होंने जय जोहार,, जय कलाकार,, नारा को बहुत ही पसंद किया एवं इसका बार-बार उद्घोष भी किया।।

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