खास खबरछत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

श्रम कानूनों में अलग-अलग पंजीयन से सुविधा कम तकलीफें अधिक

एचएमएस यूनियन नेता ने श्रमायुक्त को सौंपा ज्ञापन

भिलाई। हिन्द मजदूर सभा (एचएमएस) के महासचिव एच् एस मिश्रा ने कहा कि वर्तमान श्रम कानूनों में पृथक-पृथक पंजीयन एवं रिटर्न प्रतिवेदन की लागू की गई व्यवस्था से सुविधा कम मिल रही है। जबकि तकलीफें ज्यादा सामने आ रही है। श्री मिश्रा ने इस विसंगति को दूर करने श्रमायुक्त रायपुर को ज्ञापन सौंपा है।
श्रमायुक्त रायपुर को सौंपे गए ज्ञापन में वरिष्ठ श्रमिक नेता एचएस मिश्रा ने बताया कि भारत सरकार श्रम मंत्रालय द्वारा वेज कोड, आईआर कोड, एसएस कोड और ओएचएस कोड बनाये गए हैं, जिसमें वर्तमान में प्रचलित सभी श्रम कानूनों को शामिल कर दिया गया है। वर्तमान में प्रचलित श्रम कानूनों के प्रत्येक अधिनियमों में में नियोजक व ठेकेदारों को पृथक-पृथक पंजीयन एवं नवीनीकरण हेतु आवेदन करना पड़ रहा है।
मिश्रा का कहना है कि कारखाना अधिनियम 1948 के तहत अनुज्ञप्ति, संविदा श्रमिक ; विनियम और उत्पादन अधिनियम 1970 के तहत पंजीयन अथवा अनुज्ञप्ति अंतर्राज्यीय प्रवासी कर्मकार नियोजक का विनियमन और सेवा शर्तें अधिनियम 1979 के तहत पंजीयन व अनुज्ञप्ति छत्तीसगढ़ दुकान एवं स्थापना, नियोजन एवं सेवा की शर्तों का विनियमन, अधिनियम 2017 आदि की प्रकिया अत्यंत वृहद होने से छोटे संस्थानों को बहुत तकलीफें होती है। इसी तरह विभिन्न श्रम अधिनियमों के तहत मासिक, त्रैमासिक, छमाही एवं वार्षिक प्रतिवेदन निर्धारित प्रपत्र में भेजना होता है। जिसके कारण छोटे-छोटे व्यापारी अपने काम में ध्यान न देकर उल्लेखित प्रावधानों के खानापूर्ति में लगे रहते हैं। उन्होंने श्रमायुक्त रायपुर से आग्रह किया है कि भारत सरकार द्वारा बनाये गए चार कोड के छत्तीसगढ़ अधिनियम में एकीकृत पंजीयन एवं नवीनीकरण तथा एकीकृत प्रपत्र प्रदान किया जाए। इसी कड़ी में श्री मिश्रा ने एक और ज्ञापन सौंपकर 10 से कम श्रमिक वाले संस्थानों में कार्यरत श्रमिकों के सामाजिक सुरक्षा के मद्देनजर संस्थानों के पंजीयन और श्रमिकों के कल्याण के प्रावधान भारत सरकार द्वारा निर्मित वर्तमान चार कोड के छत्तीसगढ़ नियम में शामिल करने की मांग रखी है।

Related Articles

Back to top button