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ज्योतिरादित्य सिंधिया की ‘उड़ान’ के बाद पायलट की लैंडिंग के चर्चे, फिर गरमाई सियासत

राजस्थान/राजस्थान में सत्ता संभालने के बाद से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत  और सचिन पायलट के बीच जारी सियासी खींचतान अब भी जारी है। बगावती बवाल के बाद पाचलयट को को उप मुख्यमंत्री पद से हटाये जाने और उसके एक साल बाद तक उपेक्षा का शिकार पायलट खेमा एक बार फिर सोशल मीडियो पर सुर्खियाें में है। ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस से बीजेपी में जाने के बाद मिले सम्मान के बाद अब पालयट को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम है।राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पर सियासी संकट को गुजरे अब एक साल पूरा हो चुका है। पिछले साल जुलाई में ही पायलट और उनके समर्थक विधायकों ने सरकार में सम्मानजन स्थिति को लेकर गहलोत नेतृत्व के खिलाफ बगावत की थी। मामला बिगड़ने के बाद आलाकमान के दखल पर एक कमेटी का गठन कर कुछ समय के लिये खींचतान के माहौल को शांत कर दिया गया, लेकिन रुक-रुककर पायलट और समर्थक विधायकों की टीस फिर से उठती रही है। कांग्रेस का हाथ छोड़ बीजेपी में आये ज्योतिरादित्य सिंधिया को मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल में मिली पॉजिशन के बाद फिर से बगावती सुर सामने आये हैं।सोशल मीडिया पर ‘पायलट’ ट्रेंड करने रहा है। पायलट समर्थक विधायक पर फिर से बगावती तेवर और मानेसर या दिल्ली का रास्ता इख्तियार करने की स्थिति बनी तो पीछे नहीं हटने की बात कर रहे है! कांग्रेस पार्टी से लाडनू विधायक और सचिन पायलट समर्थक मुकेश भाखर से इस बारे में बात की गई तो वे फिलहाल इस मसले पर कुछ भी कहने से बचते दिखे। दरअसल, एक दिन पहले ही कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अजय माकन जयपुर में थे और उन्होंने दोनों धड़ों की दूरियां कम करने के मसौदे पर मुख्यमंत्री से वार्ता भी की है। ऐसे में सचिन पायलट खेमे को फिर से जल्द ही कुछ अच्छी खबर मिलने की उम्मीद है। हालांकि, सीएमओ के सूत्रों की मानें तो गहलोत की ओर से कांग्रेस आलाकमान का समझौता फॉर्मूला लेकर आए अजय माकन को इनकार कर दिया गया है। यह भी कहा जा रहा है कि सीएम गहलोत ने सचिन पायलट के साथ गए विधायकों को मंत्रीमंडल में जगह देने से साफ मना कर दिया है!

राजस्थान सरकार और प्रदेश कांग्रेस में चल रही उधल-पुथल को लेकर ऐसा नहीं है कि कांग्रेस आलाकमान इल्म नहीं है, शीर्ष नेतृत्व भी पायलट की नाराजगी से पार्टी को होने वाले नुकसान से वाकिफ है। यही कारण है कि आला कमान और दिल्ली के दिग्गज नेता भी पालयट की लैंडिंग किसी भी सूरत में बीजेपी की जमीन पर नहीं होने देना चाहते। यहीं कारण है कि हाल ही कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने एक बार फिर पायलट का कांग्रेस पार्टी का एसेट बताया था।इस मामले में ताजा अपडेट यह है कि पायलट खेमे की नाराजगी दूर करने के लिये पार्टी आलाकमान राज्य सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में उनका ख्याल रख सकती है, साथ ही राजनीतिक नियुक्तियों में उनके लिये कुछ सम्मानजन पद दिये जा सकते हैं। इस संबंध में जयपुर दौरे पर आये प्रदेश प्रभारी अजय माकन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से दो दौर की वार्ता पूर कर चुके हैं। और अब सारी रिपोर्ट सोनिया गांधी को देने के बाद जल्द ही प्रदेश कांग्रेस और सरकार में बदलाव पर फैसला हो सकता है। हालांकि अब देखने वाली बात होगी की गहलोत सरकार का आधा कार्यकाल बीतने के बाद भी पायलट खेमे का इंतजार कब खत्म होगा?

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