गन्ना किसानों के लिए राहत का ऐलान, फसल के नुकसान की भरपाई करेगी सरकार

पटना. बिहार के गन्ना किसानों के लिए राहत की खबर सामने आई है. कृषि विभाग फसल क्षति का आकलन करेगा और इसके बाद गन्ना किसानों के नुकसान की भरपाई सरकार ने खुद करने का फैसला लिया है. बिहार में गन्ना की खेती गन्ना उद्योग विभाग द्वारा नियंत्रित होती रही है. लिहाजा सरकार के इस फैसले से तीन लाख हेक्टेयर में गन्ना की खेती करने वाले लाखों किसानों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. गन्ना किसानों के हित में कृषि सचिव द्वारा यह आदेश गुरुवार को जारी कर दिया गया है.
कृषि विभाग के सचिव द्वारा जारी आदेश में यह बताया गया है की बाढ़ सुखाड़ असामयिक अतिवृष्टि और दूसरी तरह की प्राकृतिक आपदाओं में फसल क्षति का आकलन जब-जब किया जाए तब तब गन्ना की फसल की क्षति का भी आकलन अलग से जरूर किया जाए. कृषि सचिव की ओर से यह निर्देश सभी कृषि पदाधिकारियों को भेजा गया है. सरकार के इस फैसले से गन्ना उत्पादक किसानों को नियमानुसार कृषि इनपुट अनुदान पर लाभ मिल सकेगा.
कृषि सचिव की मानें तो अनाज और फसलों के साथ-साथ राज्य में गन्ना भी प्रमुख नकदी फसल के रूप में जानी जाती है. बिहार में करीब ढाई से 3 लाख हेक्टेयर में लाखों किसान गन्ना की खेती करते हैं. गन्ना की सर्वाधिक खेती पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज ,सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर जिले की जाती रही है.
बाढ़ आने पर कृषि विभाग फसलों की होने वाली क्षति का आकलन तो अब तक करता रहा है. लेकिन इससे गन्ने की फसल को होने वाले नुकसान का आकलन नहीं हो पा रहा था. सरकार के द्वारा लिए गए फैसले के बाद अब अन्य फसलों के साथ-साथ गन्ने की फसल की क्षति का भी आकलन होने से गन्ना उत्पादक किसानों को भारी राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.