संतोष कुमार डहरिया के सहायक प्राध्यापक के पद पर चयन से हर्ष Happy with the selection of Santosh Kumar Dahria on the post of Assistant Professor
संतोष कुमार डहरिया के सहायक प्राध्यापक के पद पर चयन से हर्ष
शाला प्रबंधन एवं विकास समिति के पदाधिकारियों व शाला परिवार ने बुके भेंटकर दी बधाई।
छ.ग.लोक सेवा आयोग की जारी सूची में रसायन शास्त्र के विषय पर ,व्याख्याता संतोष कुमार डहरिया का हुआ चयन।
पैर से दिव्यांग व ग्रामीण परिवेश के होते हुए भी,संतोष कुमार डहरिया ने हार नहीं मानी और उच्च शिक्षा विभाग हेतु हुए चयनित
“पूत के पांव पालने में ही दिखाई देते हैं”,इस कहावत को चरितार्थ किया 28 जून 1981 को ग्रामीण परिवेश में,ग्राम-इंदौरी के कृषक श्री दालदास डहरिया के घर जन्मे,श्री संतोष कुमार डहरिया जी ने। बहुमुखी प्रतिभा के धनी संतोष कुमार डहरिया गांव में पढाई की चुनौती को अपनी माताजी श्रीमति गीताबाई डहरिया के मार्गदर्शन में पूर्ण करते गए।
प्रारंभिक शिक्षा ग्राम -इंदौरी में पूर्ण कर,पढाई जारी रखने की ललक ने,कवर्धा शहर के स्वामी करपात्री जी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कक्षा नवमीं से बारहवीं तक शिक्षा अर्जित करने पहुंचा दिया। बी.एससी.”गणित” की स्नातक शिक्षा,स्थानीय पंथ श्री गृंधमुनि नाम साहेब शासकीय महाविद्यालय से पूरा कर,एम.एससी.”रसायन शास्त्र” की शिक्षा का सफर पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय-रायपुर के “रसायन अध्ययन शाला ” में तय की। गुणी व तार्किक योग्यता में प्रवीण,डहरिया सर ने ,छ.ग.राज्य पात्रता परीक्षा “स्लेट” परीक्षा उत्तीर्ण कर,छ.ग.लोक सेवा द्वारा आयोजित,सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा की लिखित परीक्षा उत्तीर्ण कर,साक्षात्कार में पहुंचकर,दिनांक 26/06/2021 को छ.ग.लोक सेवा आयोग द्वारा जारी सूची में,रसायन शास्त्र के विषय पर,सहायक प्राध्यापक के पद पर ,श्री संतोष कुमार डहरिया जी का चयन हुआ। संतोष कुमार डहरिया जी ने अपनी सफलता का श्रेय,गुरूजनों,मित्रजनों तथा स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत् अशोक कुमार डहरिया तथा शिक्षक श्री कोमल प्रसाद डहरिया एवं प्रत्येक पग-पग पर साथ देने वाली अर्धांगनी श्रीमति रूषमा डहरिया को दिया । श्री संतोष कुमार डहरिया आई.सी. टी. योजनांतर्गत ,कम्प्यूटर का शिक्षा में उपयोग नवाचार हेतु,डीईओ कार्यालय -कबीरधाम के एम.आई.एस. प्रशासक सतीश यदु के मार्गदर्शन में “राष्ट्रीय स्तर पर भी”,छ.ग.प्रदेश का कबीरधाम जिले से प्रतिनिधित्व भी किया था।
13 अक्टूबर 2008 से श्री संतोष कुमार डहरिया, व्याख्याता “रसायन शास्त्र” विषय के पद पर,शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय-दशरंगपुर में पदस्थ रहकर ,विद्यार्थियों को अध्यापन सेवा दिया है,”पैर से दिव्यांग” होते हुए भी विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए-कठिन संघर्षों से सफर तय करते हुए,अपनी काबिलियत के बल पर,स्कूल शिक्षा विभाग से उच्च शिक्षा विभाग के काॅलेज के विद्यार्थियों को पढाने के लिए,सहायक प्राध्यापक के पद पर चयनित होकर ,साबित कर दिया कि–वो पैर से दिव्यांग भले ही है,परंतु उनका मानना है कि,व्यक्ति दिव्यांग तो शरीर से होता है,मन-मस्तिष्क व सोच-विचार से नहीं।
अनेकानेक कठिनाइयों पर भी डहरिया सर जी के बुलंद हौसलों ने सफलता दिला ही दिया।कविता लेखन व साहित्य की सेवा करने वाले ,डहरिया सर विद्यालय के पुस्तकालय प्रभारी भी हैं।उनके चयन से शाला प्रबंधन एवं विकास समिति के अध्यक्ष महेश केशरी, ग्राम दशरंगपुर के सरपंच राजू चांद खान,सांसद प्रतिनिधि नरेश केशरी,इंद्रकुमार केशरी,बलदाऊ वैष्णव तथा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दशरंगपुर के प्राचार्य रामसनेही कलिहारी ,वरिष्ठ व्याख्याता रवेन्द्र सिंह चंद्रवंशी, व्याख्याता अर्चना सोनी,ममता मिश्रा ,हेमधर साहू ,बद्री प्रसाद सोनी,कल्पना बावनकर,तुषार सिंह,शिक्षिका संगीता साहू,दुर्गेश नंदिनी,आटो मोबाइल प्रशिक्षक वैभव श्रीवास,आई.टी.ट्रेनर वेदप्रकाश साहू,सहायक ग्रेड-3 राम धुर्वे,सफाई कर्मी हरिचंद गंधर्व ने बुके भेंटकर शुभकामनायें दी तथा चयन पर शाला परिवार व विद्यार्थियों व ग्राम दशरंगपुर-इंदौरी में हर्ष व्याप्त है। ग्राम-इंदौरी से ,अब तक संतोष कुमार डहरिया का ही “सहायक प्राध्यापक” के पद पर चयनित होना एक मिसाल है,जिससे ग्राम -इंदौरी का नाम ,कबीरधाम जिले व प्रदेश में रोशन हुआ।