दस वर्षों से मृत नहर को मिला अब नया जीवन, किसानों के खेतो तक अब पहुचेंगा पानी Dead canal got new life for ten years now water will reach farmers’ fields
दस वर्षों से मृत नहर को मिला अब नया जीवन, किसानों के खेतो तक अब पहुचेंगा पानी
कवर्धा विधायक व केबिनेट मंत्री श्री अकबर के प्रयासों से नहर की सफाई और ग्रामीणों को मिला रोजगार
महात्मा गांधी नरेगा योजना से कार्य प्रारंभ होते ही ग्रामीणों को होने लगा फायदा
भोरमदेव सकरी फीडर योजना के नहर से गाद निकासी होते ही ग्रामीणों को मिलने लगा सिंचाई के लिए पानी
कवर्धा, 29 जून 2021। सिंचाई के साधनों में वृद्धि करने के उद्देश्य से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से हो रहे भोरमदेव सकरी फीडर योजना का नहर गाद सफाई और बैंक सुधार कार्य से ग्राम छपरी एवं उसके आसपास के छः से सात गांव के किसानों को लाभ मिलने लगा है। कबीरधाम जिले के विकासखंड बोड़ला के ग्राम छपरी, खिरसाली, बद्दो, लाटा, भागूटोला एवं रघ्घुपारा के ग्रामीणों की पुरानी मांग रही है कि उनके क्षेत्र में नहर से कृषि कार्य के लिए पानी की उपलब्धता हो, लेकिन पूर्व से निर्मित 1800 मीटर नहर में गाद भर जाने से तथा नहर की लंबाई उतनी नहीं होने के कारण ग्रामीणों की यह मांग कई वर्षों से अधूरी रही है जो अब महात्मा गांधी नरेगा योजना से पूरा हो रहा है। ज़िले के कृषको को सुविधा सम्पन बनाना और खेती किसानी कार्य में सबसे बड़ी बाधा सिंचाई की कमी को दूर करने नए संरचनाओं का निर्माण कर साधनों में वृद्धि करना शासन का लक्ष्य है, ताकि कृषि आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत बनी रहे।
ग्रामीणों की मांग के साथ कवर्धा विधायक व मंत्री श्री अकबर के अनुशंसा पर कार्य को मिली मंजूरी
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष कवर्धा विधायक एवं मंत्री छत्तीसगढ़ शासन मोहम्मद अकबर जी ग्राम छपरी में ग्रामीणों से जनसंपर्क कर रहे थे इसी दौरान ग्रामीणों ने मंत्री श्री अकबर को कृषि कार्य हेतु पानी की उपलब्धता के लिए नहर का सुधार कार्य कराते हुए नहर का विस्तार करने की मांग की। यह भी अवगत कराया गया था कि विगत 10 वर्षों से नहर प्रणाली के माध्यम से कमांड क्षेत्र में आने वाले किसानों को सिंचाई का लाभ नहीं मिल पा रहा है। क्षेत्र की समस्या को देखते हुए मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने इस कार्य को कराने के लिए जिला प्रशासन से अनुशंसा की गई। ग्रामीणों की मांग पर यह कार्य महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत स्वीकृत किया गया तथा इस कार्य के लिए जल संसाधन विभाग संभाग कवर्धा को निर्माण एजेंसी बनाया गया।
छः गांव के लिए हो रहे 3600 मीटर नहर मरम्मत कार्य से बढ़ेगा सिंचाई साधन, कार्य की पूरी जानकारी पर एक नजर
नहर मरम्मत और सुधार कार्य के संबंध में जानकारी देते हुए कार्यपालन अभियंता जल संसाधन विभाग संभाग कवर्धा श्री दिनेश भगोरिया बताते हैं कि 19 लाख 22 हजार रुपए की लागत से भोरमदेव सकरी फीडर योजना का नहर से गाद सफाई और बैंक सुधार कार्य छपरी में स्वीकृत किया गया है। यहां कार्य ग्राम चौरा से खिरसाली तक नहर सुधार कार्य करने हेतु चिन्हांकित किया गया है। कार्य महात्मा गांधी नरेगा योजना में स्वीकृत है जिसमें 13 लाख 10 हजार रुपए मजदूरी पर एवं 6 लाख 12 हजार रुपए सामग्री पर व्यय होना प्रस्तावित है। 3 किलोमीटर 6 सौ मीटर के क्षेत्र में होने वाले इस कार्य में अट्ठारह सौ मीटर पक्की लाइनिंग कार्य है जिसमे गाद की सफाई का कार्य होना है और अट्ठारह सौ मीटर में कच्चा लाइनिंग कार्य करते हुए छपरी डायवर्सन के पास सुधार कार्य किया जाना है। श्री दिनेश भगोरिया ने आगे बताया की माह मई के अंतिम सप्ताह से यह कार्य प्रारंभ किया गया है जो अभी प्रगतिरत है। चार सप्ताह से चल रहे इस कार्य मे अब तक 934 मानव दिवस रोजगार का सृजन करते हुए 1 लाख 18 हजार रुपए मजदूरी राशि ग्रामीणों को दिया गया है।
बरसो पुरानी मांग पर कार्य प्राम्भ होते ही ग्रामीणों को मिलने लगा लाभ : सीईओ जिला पंचायत
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कबीरधाम श्री विजय दयाराम के. बताते हैं कि पूर्व में नहर की लंबाई कम थी और पक्का लाइनिंग में गाद भर जाने से पानी का बहाव नहीं हो पाता था। वर्तमान में मनरेगा योजना से यह कार्य प्रारंभ होते ही अब परिणाम दिखने लगा है। जिस नहर में गत 10 वर्षों से कमांड क्षेत्र में आने वाले कृषको को सिंचाई का लाभ नहीं मिल पा रहा था उन्हें अब नहर से गाद निकासी करते ही पानी मिलने लगा है। श्री विजय दयाराम के. आगे बताया कि बरसों पुरानी मांग पूरी होने से छपरी, खिरसाली, बद्दो, लाटा, भागूटोला एवं रघ्घुपारा के ग्रामीण बहुत उत्साहित है तथा नहर क्षेत्र से जुड़े 750 किसानों को सीधे फायदा होगा जो लगभग 250 हेक्टेयर कृषि भूमि में सुचारू रूप से खरीफ सिंचाई के लिए किसानों को खेतों तक पानी मिलने लगेगा। इसके साथ ही नहर निर्माण कार्य से 6 ग्राम के 465 ग्रामीण परिवारों को रोजगार का अवसर मिल रहा है और कृषि कार्य के लिए सिंचाई का साधन उपलब्ध हो रहा है।