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श्रृंखला यादव मर्डर कांड के बाद भिलाई आये बाहर के छात्रों में है भारी भय और दहशत का माहौल

बच्चों के परिजन पढाई छोड बुला रहे हैं घर वापस

किसी और बच्ची के साथ न हो ऐसा कृत्य, समाज हो जागरूक

भिलाई। मैत्रीकुंज रिसाली में गत दिवस हुए श्रृंखला यादव हत्याकांड के मामले में सामाजिक कार्यकर्ताएवं अधिवक्ता निर्मल सिंह ने श्रृंखला यादव के परिजनों की उपस्थिति में पत्रकारवार्ता लेकर बताया कि छत्तीसगढ का दुर्ग जिला जो कि एजूकेशन हब के नाम से जाना और पहचाना जाता है सिविक सेंटर और सेक्टर 10 में आये हुए अन्य प्रांतों एवं दुर्ग भिलाई के छात्र छात्राएं अलग अलग विषयों की कोचिंग ग्रहण कर रहे है लेकिन श्रृंखला यादव हत्याकांड के बाद अब उनके और उनके परिजनों में डर और भय का माहौल पैदा हो गया है। इन बच्चों के परिजन अपने बच्चों को वापस अपने पास बुला रहे है। दिनदहाड़े हुए श्रृंखला यादव हत्याकांड के मुख्य आरोपी इंशात ठाकुर जो कि 19 जून को नाबालिग से बालिग हो चुका है। इस मामले में श्रृंखला की मां ममता यादव और उसके पिता अवधेश यादव दोनो ने ही न्यायपालिका, राजनेता, कलेक्टर  एवं एसपी और समाज के प्रमुख लोगों से इस निर्मम हत्या के आरोपी को सख्त से सख्त सजा दिलाने की गुहार लगाई है और सभी समाज के लोगों से भी आग्रह किया है कि किसी भी बच्ची के साथकोई भी घटना दुर्घटना होती है तो व तुरंत पुलिस और अपने आस पास के लोगों को मोबाईल पर सूचना जरूर दें, जिन लोगों ने भी इस कृत्य को देखा था, यदि वे थोड़ा भी सचेत होकर तुरंत पुलिस को इस घटना की जानकारी दे देते तो मेरी बच्ची की जान बच सकती थी। अब मेरी बच्ची इस दुनिया में नही है, लेकिन अब सभी समाज के लोगों को ऐसे मामलों में जागरूक होने की आश्यकता है। अब तक विधायक अरूण वोरा के अलावा कोई भी जनप्रतिनिधि या उनका प्रतिनिधिमंडल पीडि़त परिजनों से मिलने अब तक नही पहुंचा। उधर इस मामले में अधिवक्ता निर्मल सिंह ने आगे बताया कि श्रृंखला यादव मर्डर कांड में आरोपी को नाबालिग होने का लाभ न मिले, इसके लिए हम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कानूनमंत्री, गृहमंत्री सहित प्रदेश के राज्यपाल को पत्र लिखकर इस मामले की पूरी तरह जांच करने प्रदेश के गृहमंत्रालय को पत्र लिखकर इसकी अच्छे से जांच करवाकर आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दिलवायी जाये ताकि इस प्रकार का कृत्य और किसी के बेटी बहन के साथ न हो।

अधिवक्ता श्री सिंह ने आगे बताया कि उन्होंने श्रृंखला यादव के परिजनो सहित बडी संख्या में सामाजिक संस्थाओं के लोगों के साथ मिलकर जिला न्यायालय में जाकर सभी अधिवक्ताओं से अनुरोध किये कि आरोपी इशांत ठाकुर का केस कोई न लड़े क्योंकि इससे ऐसे अपराध को और बढ़ावा मिलेगा। हमें जानकारी मिली की दुर्ग न्यायालय के एक वरिष्ठ अधिवक्ता इशांत का केस लडने जा रहे है, हम उनके पास भी गये और उनसे यह केस नही लडने की अपील की। इस दौरान उन्होने कहा कि आरोपी के परिजन आये थे हमारे पास लेकिन आप लोग आये है तो हम अब इसपर विचार करेंगे।

एसपी ने दिया आश्वासन एडल्ट की तरह ही आरोपी पर होगा कार्यवाही

इस मामले को लेकर छात्रा श्रृंखला यादव के परिजन आज कलेक्टर और एसपी से मुलाकात कर आरोपी को नाबालिग होने का लाभ नही दिये जाने की मांग की। इस पर एसपी प्रखर पंाडे ने परिजनों को आश्वासन दिया कि घटना के समय नाबालिग होने के कारण उसको नाबालिग होने का लाभ नही मिलेगा। कभी कानून में ऐसे मामलों के लिए संसोधन हुआ कि 16 वर्ष से 18 वर्ष की आयु के  लडकों द्वारा किया गया ऐसा गंभीर अपराध जिसमें कानूनन सात  वर्ष से अधिक की सजा होने का प्रावधान है ऐसे मामले में इस प्रकार के अपराध करने वाले को एडल्ड मुजरिम के तहत ही उसको भी सजा होगी।

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