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साहित्य लेखन सदैव सन्मार्ग की ओर प्रेरित करता है – विजय राठौर*

*बेमेतरा* राष्ट्रीय कवि संगम जिला इकाई बेमेतरा के तत्वाधान में दिनांक 19/06/21 दिन शनिवार को शाम 4 बजे, ऑनलाइन भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।जिसमें जिले के 10 कवि – कवयित्रीयों के काव्य पाठ का कार्यक्रम हुआ।कार्यक्रम के पहले सत्र में अतिथीयों व कवियों का परिचय कराया गया।मुख्य अतिथि व मुख्य वक्ता के रूप में देश के प्रतिष्ठित साहित्यकार, जांजगीर से श्री विजय राठौर जी का सानिध्य जिला के सदस्यों को मिला ।कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला संरक्षक श्री महेंद्र विरदी जी ने की ।प्रांत के समन्वय मंत्री श्री कमल शर्मा कमल जी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे।राष्ट्र मंत्री श्री महेश शर्मा जी श्रोता के रूप में उपस्थित रहे।सरस्वती वंदना कु.निधि साहू ने प्रस्तुत की। उद्बोधन की पहली श्रृंखला में जिला इकाई अध्यक्ष श्री सुनील झा ने कहा कि जिले के युवाकलम कार अपनी लेखनी की धार को नित्य प्रति सशक्त करते जा रहे हैं।काव्य पाठ के रुप में पहली प्रस्तुति देते हुए थानखमरिया से जुड़े श्री बलराम ठाकुर “बल्लू – बल” जी ने महाराणा प्रताप के शौर्य की पँक्ति पढ़ी।गौरमाटी से जुड़ी कु. अनामिका तुरकाने जी ने देशभक्ति गीत व मुक्तक गाए।उद्बोधन श्रृंखला में जिला संयोजक श्री ईश्वर साहू ”आरुग” जी ने जिला की सक्रिय भूमिका का चित्रण किया ।काव्य पाठ के तीसरे क्रम मोतिमपुर से जुड़े श्री जलेश्वर मानिकपुरी ने अछूते विषय शौचालय के इस्तेमाल के लिए गुहार लगाई।भिम्भौरी बेरला से जुड़ी कु. मानसी मानस में नारी मुक्ति के स्वर का काव्य पाठ किया ।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला संरक्षक महेंद्र विरदी जी ने कहा कि साहित्य ही समाज का दर्पण है।। आगे बढ़ते हुए नवांगाँव कला से जुड़े श्री पंकज शर्मा और साजा से जुड़ी श्रीमती वर्षा जैन जी के श्रृंगारिक मुक्तक और गीत पढा।बेरला से जुड़े विकास कश्यप जी ने खेती, और भाग्य के भरोसे नहीं बैठे रहना चाहिए यह सन्देश दिया।
‌ प्रान्तीय मंत्री श्री कमल शर्मा कमल जी ने कहा कि लेखन के क्षेत्र में कवियों को अपने वरिष्ठों के मार्गदर्शन पर चलना चाहिए ताकि रचना का परिष्कार हो सके।काव्य पाठ के अगले क्रम में साजा के हाड़ाहुली ग्राम से जुड़े ग़ज़लकार,शायर पी.के. कमाल पोषण वर्मा ने उम्दा ग़ज़ले पेश की।कटई नवागढ़ से जुड़े युवा श्रृंगार कवि मनीष वर्मा ने सुंदर श्रृंगार मय प्रस्तुति दी।अंतिम काव्य प्रस्तुति अँधियारखोर से जुड़ी कु. निधि साहू के द्वारा हुई।निधि जी ने अपनी पंक्तियों के माध्यम से राष्ट्रवन्दना प्रस्तुत की।
‌ काव्यपाठ के पश्चात मुख्य अतिथि श्री विजय राठौर जी का समीक्षात्मक उदबोधन प्राप्त हुआ।राठौर जी मे कहा कि साहित्य लेखन सदैव सन्मार्ग की ओर प्रेरित करता है ।साहित्य हमें बुरा काम करने से बचाता है।उन्होंने नवांकुर कवियों के लेखन में परिष्कार के लिए वरिष्ठ साहित्यकार की भूमिका स्पष्ट की।कार्यक्रम में दिवंगत धावक पद्मभूषण मिल्खा सिंह जी सहित कोरोना काल में निधन हुए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की गई।कार्यक्रम का संपूर्ण संचालन थान खमरिया तोरन से जुड़े हरीश पटेल ”हर” ने किया।आभार प्रदर्शन जिला संयोजक श्री ईश्वर आरुग के द्वारा किया गया।कार्यक्रम के समापन की घोषणा श्री कमल शर्मा कमल जी के द्वारा की गई।

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