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बच्चों को सुरक्षित रखना है तो पेरेंट्स टीका जरूर लगवाएं

– तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए मैदानी अमले को दी जा रही ट्रेनिंग में कलेक्टर ने दिया संदेश

– तीसरी लहर को रोकने घर-घर जाकर वैक्सीन लगाने प्रेरित करेगा मैदानी अमला

दुर्ग /कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा तैयारियाँ की जा रही हैं। इसमें बच्चों के गंभीर रूप से संक्रमित होने की दशा अगर बनती है तो इसके लिए हास्पिटल में पर्याप्त व्यवस्था रखी गई है लेकिन यदि वयस्कों में वैक्सीनेशन प्रभावी रूप से हो जाए तो बच्चों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकती है। इसमें पेरेंट्स को समझाने की जरूरत है। यदि उन्हें अपने बच्चों को किसी तरह के संक्रमण से सुरक्षित रखना है तो पेरेंट्स को स्वयं को भी टीके लगवाने होंगे। यह संदेश सभी पेरेंट्स तक पहुंचाएं। कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने यह निर्देश मैदानी अमले को बीआईटी में आयोजित प्रशिक्षण सत्र के दौरान दिये। कलेक्टर ने कहा कि तीसरी लहर को रोकने के लिए अथवा इसका प्रभाव न्यूनतम रखने के लिए वैक्सीनेशन की अहम भूमिका होगी। आप लोग अपने वार्डों में सर्वे करें, जिन लोगों ने अपना वैक्सीनेशन नहीं कराया है उन्हें वैक्सीन लगवाएं और कोरोना संक्रमण की गंभीरता के संबंध में सूचित करें। इस दौरान सीएमएचओ डाॅ. गंभीर सिंह ठाकुर ने भी स्वास्थ्य अमले से कहा कि प्रारंभिक रूप से किये गए होमवर्क से काफी हद तक संक्रमण की आशंका को कमजोर किया जा सकता है। नगर निगम आयुक्त हरेश मंडावी ने बताया कि निगम द्वारा टीम बनाकर टीकाकरण एवं मौसमी बीमारियों के रोकथाम के लिए व्यापक स्तर पर कार्य किया जा रहा है।

कैसे रोकें संक्रमण, विशेषज्ञों ने दी विस्तार से जानकारी- प्रशिक्षण सत्र में कोविड होम आइसोलेशन सेंटर की मेडिकल प्रभारी डाॅ. रश्मि भुरे ने विस्तार से रणनीति की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कुपोषित बच्चे तथा ऐसे बच्चे जिन्हें किसी तरह की अन्य बीमारियाँ हैं उनका विशेष रूप से चिन्हांकन किया जाए। इनके पेरेंट्स का वैक्सीनेशन हो और साथ ही काउंसिलिंग के माध्यम से कोविड एप्रोप्रिएट बिहैवियर के बारे में बताया जाए। उन्होंने संक्रमण की स्थिति में किये जाने वाले तात्कालिक रिस्पांस के संबंध में भी बताया।

हास्पिटल में कैसे हों तैयारियाँ- डाॅ. सुगम सावंत ने भी विस्तार से हेल्थ अमले को इस संबंध में बताया। उन्होंने कहा कि अभी मौसमी बीमारियों का सीजन है। लक्षण के अनुसार टेस्ट कराएं और त्वरित ट्रीटमेंट आरंभ कर दें। हाटस्पाट वाले इलाकों में चिन्हांकन पर विशेष ध्यान दें।

2 साल से डेंगू पर नियंत्रण रखा, आगे भी सजग रहें- कलेक्टर ने कहा कि वर्ष 2018 में डेंगू की भीषण स्थिति जिले ने देखी थी और बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए थे। अभी हर घर में बीमार व्यक्ति का चिन्हांकन करना है। जिन्हें बुखार आ रहा है उनका टेस्ट कराएं। यह कोरोना भी हो सकता है डेंगू भी अथवा मलेरिया भी। इसके लिए फागिंग और टैमीफास का वितरण किया जा रहा है। इस तरह की बीमारियों का प्रसार रोकने में स्थानीय अमले की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। आपने पहले भी इस संबंध में काफी अच्छा कार्य किया है। आगे भी इसी जज्बे के साथ इन बीमारियों को समाप्त करने के लक्ष्य को लेकर कार्य करें।

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