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जलाराम चाट भंडार की गुमास्ता लाइसेंस में हेरा फेरी और लॉकडाउन में व्यापार का नया तरीका

दुर्ग /  इंदिरा मार्केट में चल रहा जलाराम भेल एवं चाट भंडार देर रात तक खुला रहता है, लेकिन निगम प्रशासन इस पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं करता, इसका मूल कारण यह है कि जलाराम भेल एवं  चाट भंडार ने अपने गुमास्ता लाइसेंस में रस्टोरेंट का नाम अंकित कर दिया गया है, ऐसी सूचना प्राप्त हो रही है, कि लॉकडाउन में देर रात तक चाट एवम् भेल भंडार को संचालित करने के लिए जलाराम चाट भंडार के संस्थापक ने गुमास्ता लाइसेंस में रेस्टोरेंट अंकित कर दिया है ताकि शासन के नियमों के अनुसार रेस्टोरेंट को देर रात तक खोलने की अनुमति है, और इस गुमास्ता लाइसेंस मे रेस्टोरेंट का नाम अंकित करने के कारण जलाराम चाट भंडार जो कि सिर्फ भेल एवं चार्ट की दूकान है,लेकिन गुमास्ता में हेरफेर कर रेस्टोरेंट के नाम पर देर रात तक व्यापार किया जा रहा है, वैसे पुरे लॉकडाउन के दौरान जलाराम चाट भंडार विवादों में रहा है, किंतु शायद निगम के अधिकारी और कर्मचारियों को जलाराम चाट भंडार की चाट कुछ ज्यादा ही पसंद है, शायद इसलिए सड़क पर भी टेबल कुर्सी लगाने वाले जलाराम चाट भंडार को निगम का पूरी तरह से आशीर्वाद प्राप्त है, दुर्ग निगम के बाजार अधिकारी एवं नोडल अधिकारी गोस्वामी भी इस संस्था पर किसी तरह से कार्यवाही करने से हमेशा बचते रहे हैं, अब इसके दो कारण हो सकते हैं, पहला कि अधिकारियों को जलाराम चाट भंडार की अनियमितता दिख ही नहीं रही होगी, या फिर इनका बनाया हुआ चार्ट इन अधिकारियों को काफी पसंद आता होगा, क्योंकि निगम के अधिकारियों के अलावा पुरे शहर की जनता को मालूम है कि जलाराम चाट भंडार द्वारा सड़क पर टेबल कुर्सी लगाकर कारोबार किया जा रहा है इसके साथ ही सड़क पर ट्रांसफॉर्मर के नीचे बर्तन धोने का कार्य खुले काम किया जाता है, इस तरह दूकान के संचालन से यातायात भी प्रभावित होता है किंतु किसी भी जिम्मेदार विभाग द्वारा कार्यवाही करना एक प्रकार से संदेह को जन्म देता है, कि इन अधिकारियों को जला राम चाट भंडार से विशेष प्रेम है, जलाराम चाट भंडार के इस तरह से संचालित होने पर शहर के कई दुकानदार जिला प्रशासन से खेद प्रकट करते हैं कि उन्हें तो अनुमति नहीं दी गई किंतु एक दूसरे व्यक्ति को जो खुलेआम चार्ट और भेल का व्यापार कर रहा है और उसे रेस्टोरेंट के नाम पर अनुमति दे दी गई, अब बड़ा सवाल यह है कि निगम प्रशासन के द्वारा गुमास्ता में रेस्टोरेंट लाइसेंस में लिखने से पहले यह तो जरुर देखा जाना चाहिए था कि उसके पास जगह तो है नहीं, जो ग्राहकों को सड़क के बीच बैठाकर अपना व्यापार संचलित करता है !

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