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*”चार शब्द लिखने से पहले चार हजार शब्द पढ़े” – विजय राठौर*

*बेमेतरा*:- छतीसगढ़ी मासिक पत्रिका आरुग चौरा के तत्वाधान में कवि सम्मेलन आयोजित हुआ। इन दिनों कोरोना महामारी के चलते कई कार्यक्रम स्थगित है जिसके चलते कवियों ने भी अपना आयोजन गूगल मिट के माध्यम से संपन्न किया | पूर्ण रूप से छत्तीसगढ़ी भाषा में साहित्यिक रचनाओं के साथ प्रकाशित होने वाली मासिक पत्रिका आरुग चौरा के पटल पर बीते रविवार को एक नवीन कार्यक्रम के रूप में राज्य स्तरीय डिजिटल कवि सम्मेलन भाग तीन गूगल मिट के माध्यम से सफल आयोजन किया गया | कार्यक्रम क़ी शुरुआत माँ शारदे क़ी वंदना गायन अपने सुमधुर कंठ से श्री उमाकान्त टैगोर जी के द्वारा की गई और कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ | जिसके बाद अतिथि के रूप में श्री विजय राठौर (वरिष्ठ साहित्यकार ,जांजगीर) तथा आरुग चौरा के सम्पादक श्री ईश्वर साहू आरुग को स्वागत के शब्दों के साथ नवाजा गया | कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए प्रथम प्रस्तुति के रूप में पिंटू साहू जी ने अपनी करुणामय को प्रस्तुत कर समां बांध दिया | द्वितीय प्रस्तुति के रूप में कबीरधाम जिला से कवि देवचरण ध्रुवे ‘धुरी’ जी ने अपनी छत्तीसगढ़ी रचनाओं का पाठ किया जिसे ऑनलाइन जुड़े हुए श्रोताओं ने भी खूब पसंद किया | इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए जांजगीर से प्रसिध्द युवाकवि श्री उमाकान्त टैगोर ने अपनी सुमधुर स्वरों से सुसज्जित रचनाओं के माध्यम श्रोताओं का मन मोह लिया | अंतिम प्रस्तुति के रूप मे रायपुर चपरिद से कवि राजेश निषाद जी ने कई विषयों पर अपनी छन्द मय रचनाओं क़ी प्रस्तुति दी | कार्यक्रम का बेहतरीन संचालन ग्राम कारेसरा (कबीरधाम) से कवि कुंज बिहारी साहू जी के द्वारा किया गया | अतिथि उदबोधन के रूप में देश के प्रतिष्ठित सजलकार,साहित्यकार श्री विजय राठौर जी ने कवियों को मार्गदर्शन प्रदान किया।राठौर जी ने कहा कि कवि को चार शब्द लिखने के लिए चार हजार शब्द पढ़ने चाहिए। कार्यक्रम के अन्त में कवि अजय अमृतांशु जी के द्वारा सभी कवियों को सफल आयोजन हेतु बधाई देते हुए आभार प्रदर्शन कर कार्यक्रम के समापन क़ी घोषणा क़ी गयी |

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